किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक की परेशानी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ी टिप्पणी की है। बता दें कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर कहा था कि किसानों के इस आंदोलन के खिलाफ उन्हें स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। इससे आम लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों को आने जाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आग्रह किया था कि अगर वकील ट्रैफिक की समस्या के चलते कोर्ट में नहीं पेश होते हैं तो किसी मामले में कोई फैसला ना सुना दिया जाए। इसपर सीजेआई ने कहा, अगर आने-जाने में वकीलों को परेशानी हो तो मुझे बताएं। हम देख लेंगे।
बार एसोसिएशन ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया था। पत्र में कहा गया था कि अगर वकील कोर्ट की सुनवाई में हाजिर ना हो सकें तो प्रतिकूल आदेश ना पारित कर दिया जाए। इसपर सीजेआई ने कहा कि अगर ट्रैफिक की समस्या के चलते वकील नहीं पेश हो पाते तो समय में परिवर्तन किया जाएगा। बार एसोसिएशन ने अपने पत्र में किसानों को उपद्रवी बताते हुए ट्रैफिक की समस्या पर चिंता जाहिर की थी।
बता दें कि किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया गया है। वहीं कई मार्गों को बंद कर दिया गया है और रूट डाइवर्ट किए गए हैं। पंजाब में चंडीगढ़-दिल्ली हाइवे को भी सील कर दिया गया है। ऐसे में लोगों को आने-जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहाहै। दिल्ली के बॉर्डर पर भी लंबा जाम लगा हुआ है। लोगों को आने जाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से बातचीत के बाद भी पीछे हटने से इनकार कर दिया है और फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली के लिए कूच कर दिया है। ऐसे में आने वाले समय में समस्या बढ़ने की आशंका है।
हरियाणा सरकार के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी
किसानों के मार्च के चलते हरियाणा सरकार ने धारा 144 लगा दी है। इसके अलावा कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका फाइल की है। याचिका में कहा गया है कि किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ हरियाणा सरकार और केंद्र के सभी फैसलों को रद्द कर दिया जाए।