Operation Bhediya: इंसान ने हर कोशिश कर ली. जाल बिछा दिया. पिंजरे लगा दिए. ड्रोन उड़ा लिया. पटाखे चला लिए. लेकिन भेड़िये हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के भेड़िया प्रभावित गांवों में अभी दहशत कायम हैं. पुलिस और वन विभाग के साथ अब शार्प शूटर भी दिन-रात गश्त कर रहे हैं.
इंसान ने हर कोशिश कर ली. जाल बिछा दिया. पिंजरे लगा दिए. ड्रोन उड़ा लिया. पटाखे चला लिए. लेकिन भेड़िये हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के भेड़िया प्रभावित गांवों में अभी दहशत कायम हैं. पुलिस और वन विभाग के साथ अब शार्प शूटर भी दिन-रात गश्त कर रहे हैं. कभी पैदल, कभी बाइक पर, तो कभी नावों में दूरियां नाप रहे हैं. पता नहीं कब कहां से किसी कोने पर कोई भेड़िया नजर आ जाए और फिर उसे ढेर कर दिया जाए.

बहराइच के करीब 35 गांवों में भेड़ियों का एक झुंड पिछले करीब दो महीने से रह रह कर घात कर रहा है. बच्चों की जान ले रहा है. वन विभाग ने तमाम जतन करके छह में चार भेड़ियों को पकड़ लिया है, लेकिन दो भेड़िये हैं कि अब भी छुट्टा घूम रहे हैं. अब हालत ये हुई कि वन विभाग इन भेड़ियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ना चाहती है. क्योंकि इन भेड़ियों की आज़ादी का मतलब है, इंसानों की आज़ादी का छिन जाना. लेकिन भेड़िए हैं कि पकड़ में नहीं आ रहे हैं.

ऐसी स्थिति में आजतक की एक टीम आधी रात को भेड़िया प्रभावित गांवों में पहुंची. वहां की स्थिति का जायजा लिया. रात करीब 12.45 मिनट आजतक की टीम बहराइच के पिपरिया गांव पहुंची. वहां पता चला कि गांव वालों ने अपनी सुरक्षा करने के लिए नया तरीका खोज निकाला है. एक घर में 6 लोग हैं, जिनमें 3 जगे हैं और 3 सो रहे हैं. परिवार के लोग बताते हैं कि भेड़िए से बचने के लिए वो लोग शिफ्ट में सो रहे हैं. ताकि परिवार की सुरक्षा की जा सके.

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