संसद से वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित हो चुका है। वक्फ विधेयक पास होने के कुछ घंटे बाद ही भाजपा की केरल इकाई के नेताओं ने मुनंबम का दौरा किया, जहां 400 एकड़ भूमि राज्य में वक्फ बहस के केंद्र में रही है। इस क्षेत्र के 50 लोग बीजेपी में भी शामिल हुए। लगभग 600 परिवार (जिनमें से अधिकांश ईसाई हैं) पिछले 174 दिनों से गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि राज्य वक्फ बोर्ड ने 400 एकड़ भूमि पर दावा किया है। ये परिवार जमीन पर पीढ़ियों से रह रहे हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा?
मुनंबम का दौरा करने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने स्थानीय प्रदर्शनकारियों से कहा, “यह राज्य के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस आंदोलन ने प्रधानमंत्री और संसद को संशोधन विधेयक पारित करने की ताकत दी है। जब तक आपको भूमि पर राजस्व अधिकार वापस नहीं मिल जाते, हम आपके साथ रहेंगे। इस विधेयक में आपकी भूमि के राजस्व अधिकार वापस देने की शक्ति है। मुनंबम के लोगों को उनके द्वारा चुने गए सांसदों और विधायकों ने धोखा दिया है। लेकिन उनकी आवाज संसद तक पहुंची और यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक उज्ज्वल क्षण है।”
50 ईसाई बीजेपी में शामिल
मुनंबम प्रदर्शनकारियों की कार्य समिति के संयोजक जोसेफ बेनी ने बताया कि भाजपा में शामिल होने वाले 50 लोग सभी ईसाई हैं और पहले कांग्रेस और सीपीएम के मतदाता थे। इस बीच कैथोलिक चर्च से जुड़े मलयालम दैनिक दीपिका ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और वामपंथी जिन्होंने चर्च की मांग को खारिज कर दिया और अपने सांसदों को वक्फ कानून में जनविरोधी धाराओं में संशोधन के पक्ष में मतदान के लिए कहा, वह उत्तर भारतीय राज्यों और मणिपुर में ईसाइयों पर संघ परिवार के हमलों को उजागर करके अल्पसंख्यकों में भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा इस मुद्दे को आगे बढ़ा रही है कि केवल वही केरल में उसके मुद्दे के साथ खड़ी होगी, क्योंकि सीपीएम और कांग्रेस दोनों मुस्लिम मुद्दों के लिए लड़ने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं। भले ही एलडीएफ और यूडीएफ ने कहा कि वे मुनंबम के लोगों के साथ हैं, लेकिन दोनों दलों के सांसदों ने विधेयक में संशोधनों के खिलाफ मतदान किया।