वो जो अब तक परछाइयों में थीं, वो अब समाज की रोशनी बन गई हैं। वार्ष्णेय समाज की महिलाएं आज सिर्फ घर नहीं, समाज का भविष्य गढ़ रही हैं। वे अब सिर्फ रस्में नहीं निभा रहीं, वे अब नियम बना रही हैं। इनकी आंखों में समाज के लिए एक सपना है। जहां हर लड़की कॉलेज जाए। हर महिला आत्मनिर्भर हो, और हर परिवार नारी को बराबरी दे। मोहल्लों में शक्ति केंद्र चाहती हैं, और हर लड़की को पढ़ाने का संकल्प। यह आवाजें पहले भी थीं, लेकिन अब ये सुनी जा रही हैं। क्योंकि ये आवाजें अब सिर्फ दर्द की नहीं, बदलाव की हैं। ये कहानियां सशक्तिकरण की किताबों से नहीं निकलीं, ये हमारे बीच से निकली हैं-हमारी मां, बहन, पत्नी और बेटियों की आवाज हैं।
हिन्दुस्तान बोले अलीगढ़ अभियान के तहत वार्ष्णेय समाज की महिलाओं ने समाज के उत्थान और आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया। महिलाओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सिर्फ घर तक सीमित न रहकर समाज के हर क्षेत्र में नेतृत्व करें। चाहे शिक्षा हो, स्वरोजगार हो या सामाजिक सेवा, हर मोर्चे पर महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। महिलाओं ने कहा कि समाज की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी है कि बेटियों को उच्च शिक्षा देना और उनमें आत्मविश्वास भरना। आज की नारी सिर्फ सहयोगी नहीं, निर्णायक बन चुकी है। वार्ष्णेय समाज की महिलाएं अब स्वरोजगार, हेल्थ अवेयरनेस, और डिजिटल साक्षरता जैसे अभियानों में खुद को आगे ला रही हैं। महिलाओं ने कहा कि हिन्दुस्तान बोले अलीगढ़ जैसा मंच हमें अपनी बात रखने का मौका दे रहा है। यह सिर्फ अभियान नहीं, बदलाव की शुरुआत है। समाज को बुलंदियों पर पहुंचाना है तो हर महिला को आगे आना होगा। महिलाओं ने कहा कि हिन्दुस्तान बोले अलीगढ़ जैसा मंच हमें अपनी बात रखने का मौका दे रहा है। यह सिर्फ अभियान नहीं, बदलाव की शुरुआत है। समाज को बुलंदियों पर पहुंचाना है तो हर महिला को आगे आना होगा।
स्वरोजगार और शिक्षा को बनाया मंत्र
समाज की महिलाओं ने कहा हमें अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। शिक्षा और स्वरोजगार ही उन्हें आत्मविश्वास देंगे। बताया कि कैसे महिलाओं के समूह मिलकर सिलाई, ब्यूटी पार्लर, डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। महिलाओं ने कहा कि अगर हर परिवार एक-एक लड़की को प्रोफेशनल कोर्स के लिए प्रेरित करे तो समाज की तस्वीर ही बदल सकती है। महिलाओं की भागीदारी सिर्फ सामाजिक आयोजनों तक सीमित न होकर निर्णय प्रक्रिया में भी होनी चाहिए।
समाज के 5 सुधार सूत्र
1. बेटी को दो बेहतर शिक्षा, बनेगी समाज की दिशा।
2. महिला स्वरोजगार को मिले प्रोत्साहन।
3. सामाजिक आयोजनों में महिलाओं की निर्णायक भागीदारी।
4. डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा।
