मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार देर रात से प्रदेश में खराब मौसम, तेज हवा और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों को लेकर किसानों को राहत देने वाला बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी ने अधिकारियों को तत्काल खराब फसलों का सर्वे कराने का आदेश दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर तत्काल सर्वे कराकर संबंधित विभाग को डिटेल उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया है। 24 घंटे में अन्नदाताओं के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि को भेजने को कहा है।

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को क्षतिपूर्ति देने में लापरवाही न करने की हिदायत दी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 9 अप्रैल की आधी रात को अचानक मौसम खराब हो गया, जिसके बाद तेज आंधी, ओलावृष्टि के साथ कई जगहों पर आकाशीय बिजली गिरी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। बता दें कि सर्वे पूरा होने के बाद फसलों के नकुसान का मुआवजा बीमा कंपनियों के साथ राजस्व विभाग से भी दिया जाएगा। वहीं राहत विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और लोगों से अति आवश्यक कार्य पर ही घर से निकलने की अपील की है।

छुट्टी के दिन भी गांव-गांव पहुंचे अधिकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपरीत मौसम को देखते हुए निर्देश जारी किए हैं कि गेहूं खुले में न रहे, इसे गोदाम में सुरक्षित रखा जाए। वहीं दूसरी तरफ रविवार हो या अन्य अवकाश, मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों से संवाद जारी रखने के निर्देश हैं। गेहूं की अच्छी ख़रीद हो, इसके लिए कटाई के पहले से ही गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधा गया और उन्हें सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए प्रेरित किया गया। खाद्य व रसद विभाग पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक पहुंचा। एक तरफ़ कटाई चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ मौके पर ही गेहूं तौला जा रहा है।

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