प्रयागराज (विनोद द्विवेदी-जिला संवाददाता) जैसे जैसे गर्मियों का मौसम अपने शबाब पर आ रहा है तापमान अप्रत्याशित रूप से बढ़ता चला जा रहा है। जिसका सीधा उदाहरण आमजन मानस को झेलना पड़ रहा है। जहां उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में कई जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार चला गया है, वहीं प्रयागराज का तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया है। जिससे हीट वेव के कारण लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है, जिसमें सांस संबंधित परेशानियां साफ तौर से दिख रही हैं। इसके अलावा शरीर में जलन और डिहाईड्रेशन होना आम बात हो गई है। एक ओर मौसम विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में लू की संभावना व्यक्त की गई है और सात जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है जिसके बाद उत्तर प्रदेश शासन भी एक्टिव मोड में आ गई है।
बात करें प्रयागराज की तो प्रयागराज में अभी तापमान 39 डिग्री के आसपास चल रहा है, लेकिन ग्राउंड जीरो की बात करें तो यह तापमान 40 से 41 डिग्री तक रिकॉर्ड किया जा रहा है। जिसके कारण सड़कों पर लोगों का निकलना काम हो गया है। इसके अलावा दिल और सांस की बीमारी वाले मरीज के लिए यह मौसम परेशानी का सबक बन गया है।जिला अधिकार के निर्देश पर विद्यालयों के समय में बदलाव कर दिया गया है। अब विद्यालयों का समय सुबह 7 बजे से 12 बजे तक का रहेगा। जनपद में हीट वेव से बचाव करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जहां शहर के अंदर के सरकारी एवं मंडलीय चिकित्सालय में 10 से 20 बेड का कोल्ड रूम बनाया गया है, वहीं ग्रामीण इलाकों में 15 से 20 बेड का कोल्ड रूम बनाया गया है। इस कोल्ड रूम में आने वाले मरीज के लिए सभी प्रकार की आवश्यक दवाइयां, थर्मोमीटर एवं अन्य आवश्यक उपकरण और ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था की गई है। वहीं दूसरी ओर इन कोल्ड रूम को वातानुकूलित बनाया गया है ताकि हीट वेव से शिकार हुए मरीज को आराम मिल सके।

ग्रामीण इलाकों में बने चिकित्सा सरकारी चिकित्सालय में कूलर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा आइस बैग भी रखा जा रहा है ताकि अत्यधिक तप से शरीर में होने वाले जलन से मरीज को राहत दी जा सके।
इस विषय में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ त्रिपाठी ने बताया कि पूरे प्रयागराज के सभी ग्रामीण चिकित्सालय में ग्लूकोस, ओआरएस, इलेक्ट्रॉल के पैकेट के साथ-साथ पेरासिटामोल 500 की दवाइयों को आवश्यकता से अधिक मात्रा में तैयार कर दिया गया है। इसके अलावा जैसे ही मरीज की भर्ती होना शुरू हो जाएगा उपलब्ध बेड पर हर मरीज को आइस बैग के साथ-साथ शरीर को ठंडा रखने हेतु सभी आवश्यक वस्तुओं को प्रदान किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शासन द्वारा मरीज के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है और विषम परिस्थितियों के लिए कई प्राइवेट नर्सिंग होम चिन्हित किए गए हैं जिनको उपयोग में लाया जाएगा।

वहीं तेग बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल के मुख्य पर्यवेक्षक डॉक्टर मनोज अघोरी द्वारा बताया गया कि हीट वेव की समस्या से निपटने के लिए अस्पताल में अभी 10 बेड का एक कोल्ड रूम बनाया गया है और आवश्यकता पड़ने पर 10 बेड का एक और कोल्ड रूम स्टैंड बाय रखा गया है। इस कोल्ड रूम में मरीजों के सुविधा हेतु वातानुकूलित मशीन का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां एवं अन्य जरूरी वस्तु प्रचुर मात्रा में व्यवस्थित कर ली गई है और किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैयार कर दी गई है , जो सीधे सीएमएस के अंतर्गत हीट स्ट्रोक के मरीजों की देखभाल करेगी।

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