झांसी के लक्ष्मी ताल के पास स्थित है महाकाली का अनोखा मंदिर. इस मंदिर को अनोखा बनाती है यहां स्थापित मां काली की मूर्ति. आम तौर पर मां काली की मूर्ति के हाथ में खड़ग, खप्पर और गले में मुंडों की माल पाई जाती है. ज्यादातर मंदिरों में मां काली के दर्शन रौद्र रुप में ही होते हैं. देश भर के मंदिरों में मां काली की तामसिक रूप में पूजा होती है, पर झांसी के महाकाली मंदिर में मां काली कन्या स्वरूप में विराजमान है. इस मंदिर का निर्माण 1687 में ओरछा के महाराज वीर सिंह जूदेव ने कराया था. कहा जाता है कि, जब वह झांसी के जंगलों में अपने सैनिकों के साथ शिकार खेलने के लिए निकले थे, तो वहां उन्हें तालाब के पास एक पहाड़ पर गुफा दिखाई दी. उस गुफा में ही महाकाली का यह रूप उन्होंने पहली बार देखा था
इंदिरा गांधी ने करवाया था अनुष्ठान महाकाली के इस मंदिर में सिर्फ आम लोगों की ही नहीं बल्कि राजनीतिक लोगों की भी खासा आस्था रहती है. बड़े राजनेता जैसे राजनाथ सिंह, उमा भारती विधायक सांसद नेता आदि लोगों मंदिर में माता के दर्शन करने अक्सर आते ही रहते हैं. इसके साथ ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी यहां अनुष्ठान करवाया था. मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल त्रिवेदी बताते हैं कि 1977 के चुनाव में करारी हार के बाद फरवरी 1978 में इंदिरा गांधी ने यहां धार्मिक अनुष्ठान करवाया था. उस समय महंत प्रेम नारायण त्रिवेदी ने उनका अनुष्ठान करवाया था. 1980 का चुनाव जीतने के बाद इंदिरा गांधी एक बार फिर मंदिर में पूजा करने के लिए आई थीं. भक्तों की है अटूट श्रद्धा नवरात्रों के अवसर पर यहां हजारों भक्तों की भीड़ हमेशा बनी रहती है. मंदिर में आई एक भक्त आकांक्षा बताती हैं कि इस मंदिर में उनकी और उनके परिवार की अटूट आस्था है. उनके अनुसार यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. मंदिर के प्रधान पुजारी अजय कुमार त्रिवेदी एवं अरुण त्रिवेदी ने बताया कि नवरात्रि पर भीड़ अधिक होने के कारण प्रशासन द्वारा पुलिस सुरक्षा/नगर निगम/विद्युत विभाग द्वारा उचित व्यवस्था की जाती है इस मौके पर अजय साहू सुमित साहू मनीष साहू अंकुर दुबे गुड्डा गोलू महाराज बंटी बट्टा अनिल अग्रवाल अजय साहू आदि उपस्थित रहे