केंद्र सरकार ने करोड़ों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एक बार तय की गई पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा, जब तक कि उसमें कोई स्पष्ट लेखन या गणना संबंधी गलती न पाई जाए। यह आदेश कर्मचारी, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा 30 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया है।

नई व्यवस्था के अनुसार, यदि किसी पेंशन या पारिवारिक पेंशन में कोई त्रुटि दो साल से अधिक समय बाद पाई जाती है, तो उसे घटाने से पहले पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। DoPPW के कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है- ‘एक बार जब पेंशन या पारिवारिक पेंशन को अंतिम रूप से अधिकृत कर दिया गया है या CCS (Pension) Rules, 2021 के नियम 66(1) के तहत संशोधित किया गया है, तो उसे पेंशनर के नुकसान में तब तक संशोधित नहीं किया जा सकता, जब तक कि कोई क्लेरिकल गलती न पाई जाए।’

विभाग ने आगे कहा, ‘यदि ऐसी गलती पेंशन तय होने या संशोधित होने की तारीख से दो साल बाद पाई जाती है, तो DoPPW की सहमति के बिना पेंशन या पारिवारिक पेंशन में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाएगी।’ यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि पहले कई बार सेवानिवृत्ति के कई साल बाद भी विभाग “त्रुटिपूर्ण गणना” का हवाला देकर पेंशन घटा देता था या रिकवरी नोटिस भेज देता था। अब यह प्रथा बंद हो जाएगी।

DoPPW ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी पेंशनर को गलती से ज्यादा भुगतान मिल गया है और वह उसकी गलती या गलत जानकारी के कारण नहीं हुआ, तो संबंधित मंत्रालय को यह तय करना होगा कि वह राशि वापस ली जाए या माफ की जाए। इसके लिए मंत्रालय को एक्पेंडिचर डिपार्टमेंट से परामर्श करना होगा। यदि राशि वापस लेने का निर्णय किया जाता है, तो पेंशनर को दो महीने का नोटिस दिया जाएगा ताकि वह रकम लौटा सके। यदि पेंशनर ऐसा नहीं करता, तो राशि भविष्य की पेंशन किस्तों से किस्तों में वसूली जा सकती है। ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है, ‘यदि पेंशन या पारिवारिक पेंशन के संशोधन के बाद यह पाया जाता है कि पेंशनर को अतिरिक्त भुगतान हो गया है, और यह किसी गलत जानकारी के कारण नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय को व्यय विभाग से परामर्श कर यह निर्णय लेना होगा कि वसूली की जाए या माफ की जाए।’

पेंशन विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को इस आदेश का अनिवार्य रूप से पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस आदेश को सभी शाखाओं और पेंशन सेक्शनों तक पहुंचाया जाए ताकि भविष्य में किसी भी पेंशनर को अनावश्यक असुविधा का सामना न करना पड़े।

कई मामलों में देखा गया था कि रिटायरमेंट के सालों बाद भी विभाग ‘अधिक पेंशन दिए जाने की त्रुटि’ बताकर पेंशन घटा देता था या रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर देता था, जिससे बुजुर्ग पेंशनरों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब सरकार के इस नए आदेश के बाद केवल वास्तविक क्लेरिकल गलती पाए जाने पर ही पेंशन संशोधित की जा सकेगी। वह भी सीमित अवधि (दो साल) के भीतर। यह निर्णय न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि सरकारी पेंशन प्रणाली में भरोसा भी बढ़ाएगा।

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