क्या बिहार चुनाव में एक नया गठबंधन भी देखने को मिल सकता है? ऐसे कयास अचानक ही शुरू हो गए हैं क्योंकि चिराग पासवान एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सहज नहीं हैं। इस बीच चर्चा है कि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन हो सकता है। चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी के सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी की रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। प्रशांत किशोर पहली बार चुनावी राजनीति में उतरे हैं और उन्हें भी एक ऐसे दल से गठबंधन की तलाश है, जिसका एक स्थिर और मजबूत वोटबैंक हो। वहीं बिहार और युवा फर्स्ट का नारा देने वाले चिराग को भी पीके में उम्मीदें दिख रही हैं।

खबर है कि चिराग पासवान ने भाजपा से 40 सीटों की मांग रख दी है। वहीं भाजपा सिर्फ 25 सीटों को देने पर ही राजी है। बीते साल हुए लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए चिराग पासवान ने यह मांग रखी है। उनका कहना है कि हमने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर ही कैंडिडेट उतारे थे और सब पर जीत हासिल की थी। इसलिए हमारे स्ट्राइक रेट को ध्यान में रखते हुए ज्यादा सीटें दी जाएं। हालांकि जानकार मानते हैं कि भले ही कम सीटों पर चिराग को समझौता करना पड़े, लेकिन वह भाजपा से अलग होने का रास्ता मुश्किल ही अपनाएंगे। इसकी वजह है कि वह जिस स्ट्राइक रेट को गर्व से गिना रहे हैं, वह भाजपा के साथ रहकर ही हासिल हुआ था।

भाजपा का वोट उन्हें अच्छे से ट्रांसफर हुआ था और उसकी संख्या भी अधिक है। वहीं प्रशांत किशोर पहली बार चुनाव में उतर रहे हैं। उन्हें मतदान करने वालों की संख्या और किस सीट पर कितना दम है, यह क्लियर नहीं है। चिराग पासवान खुद को भविष्य में बिहार के सीएम के तौर पर देखते हैं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि वह क्या राह अपनाते हैं।

फिलहाल दिल्ली में भाजपा के साथ एनडीए के दलों की टिकट बंटवारे पर मीटिंग चल रही है। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है। जानकारों का कहना है कि पीके के साथ गठबंधन की चर्चाएं शायद एलजेपी की ओर से ही फैलाई गई हैं ताकि टिकट बंटवारे के लिए भाजपा पर दबाव बनाया जा सके।

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