भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को अपने जर्मन समकक्ष योहान वेडफुल के साथ नई दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। यह बैठक भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। बता दें कि यह जर्मन विदेश मंत्री की इस साल चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है। आप पर भरोसा करते हैं, जयशंकर ने क्यों मांगा जर्मनी के विदेश मंत्री का समर्थन? अरिहा का मुद्दा उठाया

बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मनी से यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता को तेज करने के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने कहा, “हम जर्मनी के समर्थन पर भरोसा करते हैं ताकि यूरोपीय संघ के साथ हमारा रिश्ता और गहरा हो और एफटीए वार्ता को तेज किया जा सके। भारत और जर्मनी का बहुपक्षीय सहयोग का एक मजबूत इतिहास रहा है, और मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत से इसे और मजबूती मिलेगी।” आप पर भरोसा करते हैं, जयशंकर ने क्यों मांगा जर्मनी के विदेश मंत्री का समर्थन? अरिहा का मुद्दा उठाया

जयशंकर ने भारत-जर्मनी संबंधों के महत्व पर बात करते हुए वेडफुल की बेंगलुरु यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। जयशंकर ने कहा, “हम इस बात से अवगत हैं कि यह आपकी यूरोप के बाहर शुरुआती यात्राओं में से एक है और हम आपके भारत आने की बहुत सराहना करते हैं। हम 25 साल की रणनीतिक साझेदारी, 50 साल के वैज्ञानिक सहयोग, और लगभग 60 साल के सांस्कृतिक समझौतों का जश्न मना रहे हैं। जैसा कि आपने बेंगलुरु में देखा, एक सदी से अधिक समय से व्यापारिक संबंध भी हैं। मुझे खुशी है कि आपको बेंगलुरु जाने का अवसर मिला, जहां आपने तकनीकी सहयोग की अपार संभावनाओं को देखा।”

जर्मनी के विदेश मंत्री ने भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए अपने देश के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जर्मनी इस समझौते के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसे आगे बढ़ाने के लिए यूरोपीय आयोग के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करेगा। मंत्री ने कहा, “जर्मनी इस समझौते को जल्द से जल्द लागू करने के लिए पूर्ण समर्थन में है। हम एक मुक्त व्यापार राष्ट्र हैं और भारत के साथ यह समझौता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हम इसमें सफल होंगे।” आप पर भरोसा करते हैं, जयशंकर ने क्यों मांगा जर्मनी के विदेश मंत्री का समर्थन? अरिहा का मुद्दा उठाया

जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा, “एक उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत का सामरिक महत्व बहुत ज्यादा है। अगर हमें अपने सहयोग को और आगे बढ़ाना है, तो हमारी अर्थव्यवस्थाओं को विशेष रूप से बहुत कुछ हासिल करना होगा। मैं कल बेंगलुरु में था, मैंने खुद देखा कि भारत कितना इनोवेशन महाशक्ति और टेक्नोलॉजी का केंद्र बन गया है।”

जर्मन विदेश मंत्री योहान वेडफुल दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए हैं। बेंगलुरु में अपनी व्यस्तताओं के बाद वह नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी मुलाकात की। जर्मनी के भारत में राजदूत फिलिप एकरमैन ने इस मुलाकात को व्यापार, निवेश और नवाचार संबंधों को मजबूत करने के लिए एक उपयोगी चर्चा बताया। एकरमैन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जर्मन विदेश मंत्री डॉ. योहान वेडफुल ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात की। व्यापार, निवेश और नवाचार संबंधों को मजबूत करने पर सकारात्मक चर्चा हुई।” आप पर भरोसा करते हैं, जयशंकर ने क्यों मांगा जर्मनी के विदेश मंत्री का समर्थन? अरिहा का मुद्दा उठाया

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