यूपी में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर रद होने के साथ आरओ और एआरओ परीक्षा भी रद कराने की मांग कर रहे हैं। शासन ने अब आरओ और एआरओ परीक्षा की गड़बड़ियों की जांच का भी फैसला ले लिया है।
लोकसेवा आयोग प्रयागराज द्वारा यह परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। आरओ-एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा-2023 के संबंध में फैसला किया गया है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए शिकायतों का शासन स्तर पर परीक्षण किया जाएगा। अभ्यर्थी किसी भी तरह की शिकायत अथवा शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों की जानकारी अपने नाम, पते और साक्ष्यों के साथ मेल आईडी-secyappoint@nic.in पर भेज सकते हैं।
पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर भी पिछले हफ्ते इसी तरह से शिकायतें और साक्ष्य मांगे गए थे। पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के संबंध में 1500 शिकायतें मिली थी। भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों से शुक्रवार को शाम छह बजे तक ई-मेल से साक्ष्यों व प्रमाणों के साथ अपना प्रत्यावेदन देने को कहा था। ई-मेल से मिली शिकायतों के अलावा अभ्यर्थियों के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अलग से शुक्रवार को भर्ती बोर्ड के अधिकारियों को ज्ञापन दिया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि ज्ञापन के साथ पेपर लीक होने के साक्ष्य भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी शिकायतों की बारीकी से जानकारी ली और उनके बारे में साक्ष्यों की पड़ताल की। इसके बाद परीक्षा निरस्त करने का फैसला किया। साथ ही युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने और दोषियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने को कहा।
एसटीएफ 300 से ज्यादा को कर चुकी है गिरफ्तार
यह परीक्षा 17-18 फरवरी को प्रदेश के सभी 75 जिलों में 2385 केंद्रों पर दो-दो पालियों में हुई थी। करीब 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार पर पहले से थे। जिलों की पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर प्रदेश भर में सॉल्वर गैंग और नकल करने वाले 300 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की कार्रवाई अभी भी जारी है।