उड़त गुलाल लाल भये बदरा, द्वापर कालीन लीला हुई साकार’ – बरसाने के हुरियारों पर बरसीं प्रेम पगी लाठियां – नख से सिर तक सोलह श्रृंगारों से सुसज्जित हुरियारिनों ने बरर्साइं लाठियां
(मथुरा)(ए.के.शर्मा) उड़त गुलाल लाल भये बदरा, गुलाल, रंग, प्रेम और श्रद्धा का ऐसा संगम कि हर कोई कान्हा के गांव में होली की मस्ती में मस्त होकर झूम उठा। बरसाना…