(मथुरा)(ए.के.शर्मा) तकनीकी तौर पर सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए से सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 1955 में संशोधन किया गया है। इससे होगा ये कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को नागरिकता मिल जाएगी जो 31 दिसम्बर 2014 से पहले किसी न किसी तरह की प्रताड़ना से तंग होकर भारत आए थे। सीएए को लेकर लोग अपनी तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। मथुरा में सीएए को चौतरफा समर्थन मिल रहा है। लोग जगह जगह मिठाई बांटकर सरकार के इस फैसले का पर खुशी जता रहे हैं। सामाजिक मुद्दे पर मुखर रहने वाली समाजसेविका सविता सिंह सौरोत शुरू से ही सीएए के संशोधित प्रारूप का समर्थन करती रही हैं। सीएए को लेकर देश में कई जगह जब मुखर विरोध हुआ था तब भी सविता सिंह सौरोत ने इसका जोरदार स्वागत किया था। मथुरा और आसपास के क्षेत्रों में कानून के समर्थन में होर्डिंग बैनर लगवाये थे। जगह जगह नुक्कड सभाएं की थीं और इस बात के लिए लोगों को यथासामर्थ्य मानसिक तौर पर तैयार किया था कि किसी की बातों में न आएं और कानून के तकनीकी और मानवीय पहलुओं को खुले दिमाग से समझें।
श्रीमती सौरोत ने बताया कि सीएए पास जब संसद से पास हुआ था तब भी होर्डिंग लगातार कर प्रदेश भर में स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि हमें राजनीति से अलग हट कर उन लोगों के दर्द को महसूस करना होगा जो दूसरे देशों में सिर्फ इस लिए प्रताड़ित किये गये कि वह हिन्दू हें। जब वह भारत को अपना देश मानकर यहां आए तो यहां भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुईं। लम्बे समय से उन्हें उपेक्षित जीवन भारत की धरती पर भी जीना पड रहा था। अब ऐसा नहीं होगा। इन लोगों को भी जीने के वही तमाम अवसर मिलेंगे जो आम भारतीय नागरिक के हिस्से में आते हैं। मोदी सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह हमेषां जनहित के फैसले लेते हैं और जब फैसला लेते हैं तो किसी की परवाह नहीं करते हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि वह दूसरी मिट्टी के बने हैं। सविता सिंह सौरोत ने कहा कि कानून लागू होने के बाद एक बार फिर वह अभियान के तहत लोगों को इन कानूनों की सूची जानकारी देने के लिए लोगों के बीच जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनहित में लगातार किये जा रहे कार्यों की उन्हें जानकारी देंगी।
