लालू परिवार के लिए आज गुरुवार का दिन बेहद अहम है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव समेत परिवार के सदस्यों और अन्य से जुड़े लैंड फॉर जॉब केस में आरोप तय करने पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुना सकती है। इससे पहले राबड़ी देवी किसी अन्य कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की मांग कर चुकी हैं।

बीते 10 नवंबर को मामले में पिछली सुनवाई हुई थी। स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने मामले में संलिप्तता को लेकर लालू यादव और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की ओर से मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को आज चार दिसंबर तक के लिए टाल दिया था। अदालत बृहस्पतिवार को इस बारे में अपना फैसला सुना सकती है जिससे लालू परिवार का भविष्य प्रभावित होने वाला है। आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं यह आज साफ हो जाएगा।

सीबीआई ने कथित घोटाले के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी श्रेणी में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई नियुक्तियां की गईं। इसके एवज में लालू परिवार के सदस्यों या अन्य सहयोगियों के नाम पर जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई थी। मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे।

सीबीआई ने यह भी दावा किया है कि नियुक्तियां मानदंडों का उल्लंघन करके की गई थीं और लेन-देन में बेनामी संपत्तियां शामिल थीं। इसे आपराधिक कदाचार और षड्यंत्र का कृत्य बताते हुए केस दर्ज किया गया जिसमें लालू परिवार के सदस्य कोर्ट का चक्कर लगाने को विवश हैं। इस मामले के आरोपियों ने संलिप्तता से इनकार करते हुए दावा किया है कि मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्हें गलत केस में फंसा कर परेशान किया जा रहा है।

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