राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसी हफ्ते संसद में पारित किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ वक्फ बिल अब कानून बन गया है। इस सबके बीच जानकारी सामने आई है कि माफिया अतीक अहमद के परिवार और करीबियों ने वक्फ बोर्ड की करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। जानकारी के अनुसार करीब 71 करोड़ की संपत्तियों पर अतीक अहमद के परिवार और करीबियों कब्जा है।

एनडीटीवी की खबर के अनुसार, इन संपत्तियों में कई दुकानें,मकान और बहुमंजिला इमारतें शामिल हैं। इन सभी संपत्तियों की जांच उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और मंडलायुक्त प्रयागराज ने की थी। जांच में पाया गया कि प्रयागराज वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुत्तलवी सैयद मोहम्मद अशीयम ने अतीक के परिवार को वक्फ की जमीनों पर कब्जा कराया और पैसे वसूले थे। इसके बाद मुत्तलवी को हटा दिया गया और वक्फ का नया मुत्तलवी नियुक्त कर दिया गया।

इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने 18 नवंबर 2023 को अतीक के परिवार के 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें से कुछ संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया है जबकि बाकी संपत्तियों को लेकर कार्रवाई जारी है।

सुपीम कोर्ट वक्फ अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने को तैयार

सुपीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने को लेकर विचार करने पर सोमवार को राजी हो गया। सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इस दलील पर गौर किया कि इस मुद्दे पर कई याचिकाएं दायर की गई हैं और उन्हें तत्काल सुनवाई के लिए लिस्ट किए जाने की जरूरत है।

सिब्बल के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और वकील निजाम पाशा ने भी तत्काल सुनवाई के लिए अन्य याचिकाओं का उल्लेख किया। सीजेआई ने वकीलों से मामलों को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए पत्र दाखिल करने या मेल भेजने को कहा। जब सिब्बल ने कहा कि ऐसा पहले ही किया जा चुका है तो सीजेआई ने कहा, ‘‘मैं दोपहर में उल्लेख पत्र देखूंगा और फैसला करूंगा। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी जिसे पहले संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान सहित कई लोगों ने इस अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर की हैं। वक्फ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

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