भगवा रंग में भारतीय संस्कृति, हिंदू धर्म व जीवन पद्धति का संदेश छिपा है। अब यह रंग श्रद्धालुओं को महाकुंभ में ले जाने वालीं परिवहन निगम की रोडवेज बसों पर भी दिखाई देगा। जो श्रद्धालुओं को इसका एहसास कराएगा। शासन के आदेश पर बसों को भगवा रंग से रंगने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
इसके लिए निगम को शासन से करीब 20.48 लाख का बजट भी मिला है। प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेले का आयोजन होगा। श्रद्धालुओं को कुंभ मेला में शामिल होने के लिए किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए गाजियाबाद क्षेत्र के कौशांबी, लोनी, साहिबाबाद, हापुड़, सिकंदराबाद, खुर्जा और बुलंदशहर डिपो की 600 रोडवेज बसें भी आरक्षित की गईं हैं।
344 बसें पहले ही भगवा रंग में रंगी जा चुकीं
इनमें से 344 बसें पहले ही भगवा रंग की हैं। इनमें से 256 बसें ऐसी हैं, जो भगवा रंग की नहीं हैं। ये बसें लाल और सफेद रंग की हैं। शासन से आदेश जारी किए गए हैं कि जो बसें महाकुंभ में शामिल होंगी, वह भगवा रंग में रंगी होनी चाहिए। लाल और सफेद रंग की बसों को भी भगवा रंग में रंगा जाएगा।
इसके लिए शासन से प्रत्येक बस के लिए आठ हजार का बजट मिला है। बसों को रंगने का कार्य शुरू कर दिया गया है। दिसंबर के अंत तक रंगाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल, रीजन की बसों का मऊ, गोरखपुर, आंबेडकर नगर, हापुड़, गाजियाबाद और बाराबंकी समेत कुल 11 रूटों से बसों का संचालन किया जाएगा।
हर बस पर लिखा होगा “महाकुंभ चलें”
जिन बसों को भगवा रंग में रंगा जा रहा है उन सभी बसों पर “महाकुंभ चलें” भी लिखा होगा। इससे श्रद्धालु महाकुंभ मेला में जाने वाली बसों की आसानी से पहचान कर सकेंगे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए बसों में भजन भी बजेंगे।
एक हजार से अधिक चालक-परिचालकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
- महाकुंभ जाने वाली बसों पर एक हजार से अधिक चालक-परिचालकों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रशिक्षण में उन्हें श्रद्धालुओं से व्यवहार से लेकर किसी तरह की परेशानी आने पर उससे निपटने के बारे में बताया जाएगा।
- श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
रोडवेज बसों में सामान्य तौर पर चालक-परिचालक बिना यूनिफार्म के देखने को मिल जाएंगे, लेकिन महाकुंभ के लिए संचालित बसों में प्रत्येक चालक-परिचालक यूनिफार्म में ही होंगे।