भारत के मशहूर कवियों में से एक कुमार विश्वास आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। ये तो सभी जानते हैं कि कुमार विश्वास के पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे। शुरुआत में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की थी लेकिन मन नहीं लगा। जिसके बाद उन्होंने इसे बीच में ही छोड़ दिया और साहित्य की ओर बढ़ गए।
कुमार विश्वास कुछ समय पहले कोटा में अपने एक सम्मेलन में छात्रों को मोटिवेशनल लेक्चर दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बताया कि 117 रुपये का आईआईटी का फॉर्म भरा था। लेकिन वो सेलेक्ट नहीं हुए

इसके आगे वो कहते हैं कि तब मैने 117 रुपये का फॉर्म भरा था और रिजेक्ट हो गया था लेकिन आज पूरे देश के आईआईटी से 117 करोड़ रुपये वसूल चुका हूं
कुमार विश्वास की कुछ बातें अगर हर छात्र गांठ बांध ले तो जीवन में आने वाली कई परेशानियां खत्म हो सकती हैं। कुमार विश्वास कहते हैं कि आईआईटीएन होना एक पेंटिंग है लेकिन मनुष्य होना एक कैनवास है।
कोई भी चीज जब टूटती है तो उसमें से एनर्जी निकलती है। कभी सपना टूट जाए, कभी दिल टूट जाए, कभी कोई अपना टूट जाए तो समझ लेने तुम्हें ईश्वर ने एनर्जी का न्यूक्लियस बनाया है। लेकिन ये आप पर है कि जब एनर्जी टूटे तो क्या बनाना है बम या बिजली। जो नेगेटिव लोग होते हैं वो बम बना लेते हैं।
कुमार विश्वास कहते हैं कि, हिम्मत का सागर लांघो तो लहर-लहर जयकारा होगा और दिल टूटे या एटम टूटे तो दुनिया में उजियारा होगा।
