RO-ARO recruitment exam canceled: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा निरस्त होने के कारण साढ़े सात साल में दूसरा बड़ा झटका लगा है।
लखनऊ के एक केंद्र से व्हाट्सएप पर पेपर वायरल होने पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। एजेंसी ने जांच पूरी होने के बाद 21 सितंबर 2018 को न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें परीक्षा में पेपर आउट होने के कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने की बात कही गई थी। जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल की थी।
विशेष न्यायाधीश सीसीबीआईडी, लखनऊ ने एक जनवरी 2020 को जारी आदेश में सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट निरस्त कर दी और मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए। मामले में देरी होता देख यूपीपीएससी ने 14 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने हुए दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। 20 सितंबर 2020 को हुई पुनर्परीक्षा में सिर्फ पुराने अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसका अंतिम परिणाम पांच अप्रैल 2021 को घोषित हुआ था लेकिन तब तक 58 पद कम हो गए थे।
पेपर लीक में टीईटी से पीसीएस परीक्षा तक हो चुकी निरस्त
प्रयागराज। पेपर लीक के कारण पहले भी कई बड़ी परीक्षाएं निरस्त हो चुकी हैं। 28 नवंबर 2021 को आयोजित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) निरस्त करनी पड़ी थी। 29 मार्च 2015 को लखनऊ के आलमबाग स्थित एक परीक्षा केंद्र से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2015 का पेपर आउट हो गया था। पहले तो आयोग ने पेपर आउट होने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में शासन स्तर से दबाव बनने पर सिर्फ सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा निरस्त कर 10 मई 2015 को दोबारा परीक्षा कराई गई।
छात्रों के साक्ष्य की नहीं कर सके अनदेखी
प्रयागराज। सरकार ने छात्रों की ओर से हलफानामे के साथ उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों तथा यूपीपीएससी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा निरस्त की है। प्रतियोगी छात्रों ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, उनमें पेपर लीक को लेकर शक की कोई गुंजाइश नहीं बची थी। वैसे पेपर लीक करने वाले शातिरों ने सरकार की कार्रवाई से बचने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सामान्य हिन्दी का जो सेट-सी प्रश्नपत्र वायरल हुआ था उसमें हर पेज पर प्रश्नों को दो कॉलम में सेट किया गया था जबकि मूल प्रश्नपत्र में प्रश्नों को पूरे पेज पर सेट किया गया था, उसमें दो कॉलम नहीं थे। प्रत्येक पृष्ठ के मध्य में ऊपर से नीचे चार बार क्वेश्चन बुकलेट नंबर लिखा गया था ताकि प्रश्नों को कॉपी न किया जा सके।