आईआईटी बीएचयू में पढ़ने वाले छात्र की लाश हॉस्टल के कमरे में लटकी हुई मिली। छात्र IIT BHU में बी-आर्क फाइनल ईयर का स्टूडेंट था। आत्महत्या की वजह डिप्रेशन बताया जा रहा है।

IIT BHU में पढ़ता था छात्र।- India TV Hindi
देश के IIT में पढ़ने वाले छात्रों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में एक बार फिर से सुसाइड की खबर IIT BHU से सामने आई है। यहां लिम्बड़ी छात्रवास के कमरा नंबर- 187 में एक छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। छात्र का नाम उत्कर्ष राज था और वह सिर्फ 23 साल का था। इतनी कम उम्र में जीवन से हताश हो जाना और सुसाइड जैसे रास्ते को अपनाना लोगों को सोच में डाल रहा है। छात्र के दोस्तों के मुताबिक उत्कर्ष डिप्रेशन से पीड़ित था और उसकी काउसलिंग चल रही थी।

हॉस्टल के कमरे में लगाई फांसी

उत्कर्ष राज IIT BHU में बी.आर्क (आर्किटेक्चर) के अंतिम वर्ष के छात्र था। उसके पिता जी राजेंद्र प्रसाद भी BHU में नौकरी करते हैं। वह BHU में सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। आईआईटी बीएचयू ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। पुलिस ने कहा कि जब उत्कर्ष से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह किसी के भी कॉल का जवाब नहीं दे रहा था। जब उसके दोस्त उसके कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो उत्तकर्ष फांसी के फंदे पर झूलता मिला। जिसके बाद उसकी बॉडी को फंदे से उतारा गया और सर सुंदरलाल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मां-बाप का इतलौता बेटा था छात्र

बता दें कि उत्कर्ष अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। वह इंटीग्रेटेड ड्युअल डिग्री के तहत पांच साल का बी.आर्क (आर्किटेक्चर) का कोर्स कर रहा था। उत्कर्ष का परिवार सुसवाहीं के नासिरपुर में रहता है। उत्कर्ष के दोस्तों ने बताया कि बुधवार को आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट में ओरिएंटेशन प्रोग्राम था लेकिन उत्कर्ष वहां नहीं पहुंचा। जब उसके दोस्त हॉस्टल पहुंचे तो उत्कर्ष के कमरे का दरवाजा अंदर से लॉक मिला। आवाज लगाने पर भी जब उत्कर्ष ने कोई जवाब नहीं दिया तो दोस्तों ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया। अंदर जाकर देखा तो उत्कर्ष पंखे में बंधी बेडशीट से लटक रहा था। इकलौते बेटे की मौत पर पूरे परिवार में मातम का माहौल है।

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