Sambhal Violence Report: उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगों की जांच के लिए गठित न्यायिक समिति ने पाया कि सांप्रदायिक दंगों के कारण शहर में हिंदुओं की जनसंख्या में काफी गिरावट आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल में हिंदुओं की आबादी 1947 में 45 प्रतिशत से घटकर अब केवल 15 से 20 प्रतिशत रह गई है। 450 पृष्ठों की यह रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

Sambhal Violence - Mob looted weapons, injured police personnel

वहीं, जांच रिपोर्ट को लेकर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने कहा कि संभल में जो घटना हुई थी, उसकी जांच के लिए प्रदेश सरकार ने जो न्यायिक आयोग का गठन किया था। आज उसने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी है और उस पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष नवम्बर में मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वे के बाद सम्भल में हुई हिंसक झड़पों के बाद जांच का आदेश दिया था।

रिपोर्ट में क्या है?

ऐतिहासिक रूप से संभल में पठानों और तुर्कों के बीच लगातार झड़पें होती रही हैं, जिससे यह शहर सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया है। 1947 के बाद से सूत्रों का दावा है कि हर सांप्रदायिक दंगे में हिंदू “मुख्य रूप से पीड़ित” रहे हैं। हाल ही में हुए दंगों में भी, कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाने की योजना थी, लेकिन हिंदू-बहुल इलाकों में पुलिस की मौजूदगी ने बड़े पैमाने पर जनहानि को रोक दिया।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हिंसा भड़काने के इरादे से कथित तौर पर बाहर से दंगाइयों को लाया गया था। झड़पों के दौरान, तुर्क और पठानों ने कथित तौर पर पुरानी रंजिश के चलते एक-दूसरे पर हमला किया।

हरिहर मंदिर को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जिसे एक बार फिर मुगल सम्राट बाबर के समय के दावों से जोड़ा जा रहा है, जिससे पुराना तनाव फिर से जाग उठा है।

सूत्रों का कहना है कि आज सम्भल में केवल 15% हिन्दू बचे हैं, जो कि स्वतंत्रता के समय 45% की तुलना में काफी कम है, जब सम्भल नगरपालिका की लगभग आधी आबादी हिन्दू थी। हाल के वर्षों में, संभल विभिन्न आतंकवादी संगठनों का केंद्र बनकर उभरा है। सूत्रों ने रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए बताया कि अल-कायदा और हरकत-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों ने इस क्षेत्र में अपने नेटवर्क स्थापित कर लिए हैं।

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