प्रदीप वर्मा जिला संवाददाता

झांसी। राष्ट्र सेवा मंडल के तत्वावधान में धुलेकर वाचनालय मानिक चौक में झांसी के प्रथम सांसद आचार्य पं. रघुनाथ विनायक धुलेकर की जयंती के मुख्य समारोह में उनकी कर्म स्थली ग्वालियर रोड पर बन रहे रेलवे सेतु का नाम आचार्य रघुनाथ धुलेकर सेतु रखने की पुरजोर मांग उठाई गई। सार्वजनिक स्थान पर विशाल प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया गया।

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि धुलेकर जी हमेशा जन भावनाओं के साथ रहे। वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्य धुलेकर जी भारतीय संस्कृति के शौर्य पुरुष थे। राजनीति और आध्यात्म के पुरोधा रहे। नई पीढ़ी को उनकी देश भक्ति से प्रेरणा लेना चाहिए। समाजसेवी सुदर्शन शिवहरे ने कहा कि राजनीति के साथ ही धुलेकर जी उच्चकोटि के पत्रकार व उत्कृष्ट साहित्य साधक भी थे। उत्साह, मातृभूमि और फ्री इंडिया समाचारपत्रों का प्रकाशन कर समाज में नई चेतना उत्पन्न कर स्वतंत्रता संघर्ष को तीव्र किया। ब्रिटिश सरकार उनकी संपादकीय टिप्पणियों व लेखों से बौखला उठती थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान सभा में हिन्दी गर्जना करने वाले आचार्य पंडित धुलेकर का व्यक्तित्व चरित्र पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठाते हुए कहा कि धुलेकर जी ने सभी धर्मों के प्रति समान भाव से कार्य किया। उनका व्यक्तित्व युवाओं तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। वरिष्ठ समाजसेवी प्रकाश गुप्ता, राकेश पाठक, डॉ. नीति शास्त्री, नरेंद्र गोस्वामी सग्गू, अमीर चन्द्र ने आचार्य धुलेकर को हिंदी मातृभाषा बनाने की पहल संविधान सभा में करने वाला निडर एवं निर्भीक व्यक्तित्व बताया। संचालन समाजसेवी डॉ मनमोहन मनु ने किया। अध्यक्ष शेखर धुलेकर ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह का आरंभ आचार्य धुलेकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण सिद्धेश्वर मंदिर के आचार्य राजीव पाठक महाराज के द्वारा उच्चारित मंत्रों के साथ किया गया। डॉ केके साहू ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर संजीव कुमार, सीताराम यादव, बलवंत सिंह, रमेश सोनी समेत गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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