जय प्रकाश मिश्रा जौनपुर।
18 साल पहले किया था धमाका; 14 लोगों की हुई थी मौत
28 जुलाई 2005 को जौनपुर जिले के सिंगरामऊ रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में हुआ था विस्फोट. विस्फोट काण्ड में 14 लोगों की हुई थी मौत, 50 से अधिक यात्री घायल हुए थे.
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट: दोनों आतंकी दोषी, 18 साल पहले किया था धमाका; 14 लोगों की हुई थी मौत
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के दोनों आतंकियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फाँसी की सज़ा सुनाते हुए 5 -5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक अदालत ने साल 2005 में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड के आरोपी बांग्लादेशी नागरिक हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल का नफीकुल विश्वास को दोषी करार दिया था।बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार होने के बाद फाँसी की सज़ा सुनाया साथी ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी दोनों आतंकियों पर लगाया।.
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के दोनों आरोपी आज जौनपुर कोर्ट में पेश हुए. जौनपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में दोनों आरोपी कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए. दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला कारागार से न्यायालय ले जाया गया.था शाम 4 बजे सज़ा का ऐलान कोर्ट ने किया।.इससे पहले साल 2016 में दोनों आरोपी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन और नफीकुल विश्वास को हैदराबाद जेल से जौनपुर अदालत में तलब किया गया था.
2 अन्य आतंकियों को पहले ही सुनाई जा चुकी है मौत की सजा
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट में बांग्लादेश नागरिक आलमगीर उर्फ़ रोनी ने ट्रेन की बोगी में बम रखा था. वहीं, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य ओबेदुर्रहमान पर बम बनाने का आरोप था. कोर्ट ने इन दोनों आतंकियों को 31 अगस्त 2016 को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दोषी बांग्लादेश नागरिक ओबैदुर्रहमान और आलमगीर उर्फ़ रोनी पर 10 लाख 30 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया था. हालांकि दोनों ने हाई कोर्ट में अपील डाल रखी है.
28 जुलाई 2005 को हुआ था श्रमजीवी एक्सप्रेस में ब्लास्ट, 14 लोगों की गई थी जान
28 जुलाई 2005 को जौनपुर जिले के सिंगरामऊ रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में बम ब्लास्ट हुआ था. श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12391 पटना से दिल्ली जा रही थी. विस्फोट काण्ड में 14 लोगों की मौत हो गई थी. जिसमे 2 यात्री जौनपुर के रहने वाले थे. घटना में 62 लोग घायल हुए थे. ट्रेन के गार्ड जफर अली की तहरीर पर जीआरपी थाने में केस दर्ज हुआ था.आतंकियों ने ट्रेन की जनरल बोगी में अटैची में बम रखा था.दिल्ली की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किये गए आतंकियों के अनुसार इस बम ब्लास्ट की साज़िश जुलाई 2005 में रची गयी थी.
2 जनवरी 2024 को होगी दोनों आरोपियों पर सजा तय
जौनपुर के शासकीय अधिवक्ता सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि 28 जुलाई 2005 को हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के मामले में बुधवार को बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के रहने वाले नफीकुल विश्वास को 22 दिसम्बर को दोषी करार दिया था है. कोर्ट ने 2 जनवरी 2024 को दोनों आरोपियों पर सजा तय करने के लिए तारीख नियत की थी जहाँ दोनों पक्षो ने सज़ा पर अपना अपना पक्ष रखा।सरकारी वकील ने मौत की सज़ा की माँग किया था जिसे आज कोर्ट ने सुना दिया।. इसके पहले दो अन्य आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी