सीमा हैदर मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया है कि इस मामले की जानकारी मंत्रालय के पास है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “हमें मामले की जानकारी है।

उसे अदालत के सामने पेश किया गया था और अब वह जमानत पर बाहर है। मामले की जांच चल रही है और अगर कोई जानकारी आएगी बताया जाएगा। फिलहाल, हमारे पास इतनी ही जानकारी है।”

वहीं पाकिस्तानी महिला को लेकर की जा रही जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बुधवार को कहा कि जबतक ‘हमारे पास पर्याप्त सबूत न हो’ तब तक यह कहना उचित नहीं होगा कि मई में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाली और नोएडा में अपने साथी के साथ रहने वाली पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर एक जासूस है।

जब कुमार से पूछा गया कि क्या सीमा को निर्वासित किया जाएगा, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने भारत-नेपाल सीमा पर किसी भी सुरक्षा चूक से इनकार किया, जहां से सीमा ने भारत में प्रवेश किया था। सीमा (30) और उसके भारतीय साथी सचिन मीना (22) से उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीसी) ने सोमवार और मंगलवार को पूछताछ की थी। उन्हें चार जुलाई को ग्रेटर नोएडा में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन सात जुलाई को एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

एटीएस की पूछताछ पर राज्य पुलिस ने कहा कि सीमा हैदर के पास से दो वीडियो कैसेट, चार मोबाइल फोन, पांच ‘अधिकृत’ पाकिस्तानी पासपोर्ट और अधूरे नाम और पते वाला एक ‘बिना इस्तेमाल किया गया पासपोर्ट’ और एक पहचान पत्र मिला है। यह पूछे जाने पर कि क्या सीमा पाकिस्तानी जासूस हो सकती है, विशेष डीजीपी ने कहा कि इतनी जल्दी कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा, ”मामला दो देशों से जुड़ा है। जब तक हमारे पास पर्याप्त सबूत नहीं हो जाते, तब तक इस संबंध में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।”

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