ओडिशा के एसएससी पेपर लीक मामले में आरोपी राजमोहन प्रसाद को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। ओडिशा क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार के समस्तीपुर से उसे स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा है। यहां खानपुर थाने के खानपुर उत्तरी गांव से उसे दबोचा गया। वह स्व. इंद्रमोहन प्रसाद का पुत्र है। शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद ओडिशा पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर साथ ले गई। पुलिस का कहना है कि देशभर के कई पेपर लीक कांड से राजमोहन का कनेक्शन है। वह रैकेट के मास्टरमाइंड विजेंद्र गुप्ता का साला है। ओडिशा पुलिस 2023 से उसे तलाश रही थी।

पुलिस जांच में कहा गया है कि राजमोहन ओडिशा एसएससी पेपर लीक 2023, नीट , दारोगा बहाली परीक्षा, बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक जैसे मामलों में शामिल रहा है। पेपर लीक से जुड़े विशाल कुमार चौरसिया से भी गहरा संबंध है। वह 10-15 वर्षों से इस धंधे से जुड़ा है। ओडिशा क्राइम ब्रांच के एएसपी विकास रंजन बेउरा ने बताया कि मामले में अब तक कुल 27 गिरफ्तारी हुई है।

एसएससी पेपर लीक कांड में ओडिशा की बालासोर पुलिस अब तक 27 जालसाजों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस कांड को समस्तीपुर के विद्यापतिनगर निवासी विजेंद्र गुप्ता और ग्रामीण कार्य विभाग के डिविजनल अकाउंटेंट विशाल चौरसिया ने अंजाम दिया था।

दोनों को कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस में काम करनेवाले हाजीपुर के वीरेंद्र पासवान ने छपाई के बाद ओडिशा एसएससी का प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया था। राजमोहन विजेंद्र गुप्ता का साला है। विजेंद्र का नाम इससे पहले बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा और नीट पेपर की धांधली में भी साजिशकर्ता के तौर पर आ चुका है।

इसके बाद वह पेपर सेटिंग के क्षेत्र में कुख्यात हो गया। उसने खानपुर की रहने वाले राजमोहन प्रसाद की बहन से लव मैरिज कर रखी है। वर्ष 2023 में ओडिशा एसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में ओडिशा पुलिस ने विजेंद्र गुप्ता व विशाल चौरसिया समेत कई शातिरों को गिरफ्तार किया था। अभी विजेंद्र बेल पर जेल से बाहर है। बताया गया कि दो दिन पहले वह ससुराल खानपुर भी आया था लेकिन छापेमारी से पहले ही वह निकल गया। उसका साला राजमोहन वहां से पकड़ा गया।

एएसपी ने बताया कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई की टीम भी राजमोहन की तलाश में थी। उन्होंने कहा कि ओडिशा और बिहार समेत राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय पेपर लीक व सॉल्वर नेटवर्क का जाल सामने आया है। यह गैंग कई राज्यों में भर्ती परीक्षाओं को प्रभावित करता रहा है। एएसपी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम राजमोहन के नेटवर्क, वित्तीय लेनदेन और अन्य राज्यों से उसके कनेक्शन की जांच कर रही है। एसएससी पेपर लीक कांड को लेकर ओडिशा के बालासोर थाने में मामला दर्ज है।

ओडिशा क्राइम ब्रांच के एएसपी विकास रंजन वेउड़ा ने बताया कि ओडिसा एसएससी पेपर लीक कांड मामले में पुलिस ने जांच की तो कई सामने आई। जांच में यह बात सामने आयी थी कि शिक्षक टेलीग्राम और वाट्सएप पर बने ऑनलाइन स्टडी ग्रुप से अभ्यर्थियों का डेटा लिया था। इसके अलावा मैनपावर कंसल्टेंसी सर्विसेस के लोगों से भी अभ्यर्थियों का डेटा खरीदा था।

गिरोह के शातिर छात्रों से संपर्क कर उन्हें विश्वास में लेते थे। डील तय होने के बाद परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर रटवा दिया जाता था। इसके लिए 20 से 25 लाख रुपये में डील होती थी। शुरुआत में 10 लाख और परीक्षा पास होने के बाद 15 लाख देने होते थे। इससे पहले वह छात्रों से मूल प्रमाण-पत्र व ब्लैंक चेक लेकर रख लेते थे। नौकरी ज्वाइन करने से पहले डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन में मूल प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है। इससे पहले शातिर पूरी रकम ले लेते थे।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *