
विजडम इंडिया संवाददाता।
नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025: भारत के सार्वजनिक सेवा प्रसारक प्रसार भारती ने कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क के साथ रणनीतिक साझेदारी की है, जिसके तहत भारत का पहला एआई बैंड त्रिलोक अब श्रोताओं और दर्शकों तक आकाशवाणी, दूरदर्शन चैनलों और WAVES OTT प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पहुँचेगा। इस पहल से त्रिलोक के नवीनतम प्रोजेक्ट्स करोड़ों लोगों तक पहुँचेंगे।
हाल ही में बैंड ने “रूपं देहि” नाम से एक भजन प्रस्तुत किया है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है और “अर्गलास्तोत्र” से प्रेरित है। इस वीडियो में कोलकाता की दुर्गा पूजा झलकती है, जिसमें अनुष्ठान, दृश्य कला और एआई म्यूज़िक का मेल है। इसके अलावा, त्रिलोक ने प्रसिद्ध गणेश आरती “सुखकर्ता दुखहर्ता” को आधुनिक संगीत की परतों के साथ नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया है, ताकि युवा श्रोताओं तक यह भक्ति गीत उनकी मूल भावना के साथ पहुँचे।

ये कार्यक्रम पूरे देश में आकाशवाणी और दूरदर्शन चैनलों पर प्रसारित होंगे तथा डिजिटल दर्शकों के लिए WAVES OTT पर भी उपलब्ध रहेंगे।
यह पहली बार है जब प्रसार भारती एआई आधारित बड़े स्तर पर तैयार कंटेंट को अपने नेटवर्क्स पर पेश करने जा रहा है, जिससे परंपरा और नवाचार का संगम करोड़ों दर्शकों-श्रोताओं तक पहुँचेगा।
प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा,
“प्रसार भारती का प्रयास हमेशा से यही रहा है कि भारतीय दर्शकों तक ऐसा कंटेंट पहुँचे जो नवीन, प्रासंगिक और संस्कृति से जुड़ा हुआ हो। कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क के साथ यह साझेदारी दिखाती है कि तकनीक और कहानी कहने का मेल किस तरह प्रेरित कर सकता है, मनोरंजन दे सकता है और समाज को जोड़ सकता है।”
इस अवसर पर कलेक्टिव आर्टिस्ट्स नेटवर्क के संस्थापक और ग्रुप सीईओ विजय सुब्रमण्यम ने कहा, “हमारा विज़न हमेशा से यही रहा है कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया तक पहुँचाया जाए। प्रसार भारती के साथ यह साझेदारी हमें उस दिशा में और आगे ले जाती है। यह सचमुच ‘प्रगति’ और ‘भक्ति’ का संगम है – जहाँ आस्था और आधुनिकता साथ मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की कहानियाँ गढ़ेंगी। त्रिलोक का संगीत देश के हर कोने तक पहुँचाकर हम तकनीक की ताकत को भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई के साथ जोड़ रहे हैं।”

यह साझेदारी न केवल भारत के मीडिया परिदृश्य में एआई की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि प्रसार भारती के इस दायित्व को भी मज़बूत करती है कि वह परंपरा को संजोते हुए नए प्रयोगों को अपनाए। दर्शकों के लिए यह सिर्फ नया संगीत नहीं है, बल्कि एक ऐसा अनूठा अनुभव है जिसमें भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराएँ एआई की नई संभावनाओं से मिलती हैं।
दर्शक और श्रोता वेव्स ओटीटी पर त्रिलोक का संगीत और साथ ही सांस्कृतिक, धार्मिक और मनोरंजन से जुड़ा विविध कंटेंट देख-सुन सकते हैं। वेव्स ओटीटी पर लाइव टीवी, रेडियो चैनल, ऑन-डिमांड शो, फ़िल्में, पत्रिकाएँ और विशेष कार्यक्रम उपलब्ध हैं, जो भारत की विविध मीडिया धारा को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाते हैं.
