मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराण्सी में जेपी मेहता इंटर कॉलेज में बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे। उनका हालचाल भी जाना। राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर हाल में बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। उनकी हर बुनियादी जरूरत प्राथमिकता पर पूरी की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत सामग्री वितरण में लापरवाही न हो और हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचनी चाहिए। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे छोटे-छोटे बच्चों को मुख्यमंत्री ने दुलार करते हुए उन्हें चॉकलेट के पैकेट दिए। मुख्यमंत्री के हाथों बच्चे जैसे ही चॉकलेट का पैकेट पाए, खिलखिला उठे।
इसके अलावा काशी में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने आ रहे मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां की मुख्यमंत्री ने जानकारी ली। इस सम्बंध में अफसरों को तैयारी करने का निर्देश दिया। दो दिनी दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस सभागार में द्विपक्षीय वार्ता की तैयारियों की समीक्षा की। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि तैयारी इस तरह की हो कि पूरा विश्व मॉरीशस और भारत की साझा संस्कृति से रूबरू हो। काशी के आतिथ्य की वैश्विक पहचान है। उसी परम्परा के लिहाज से स्वागत होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 के आयोजनों के दौरान हुई साफ-सफाई, स्वागत और साज-सज्जा जैसी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि दोनों प्रधानमंत्री काशी से देश के लिए इबारत लिखने वाले हैं। जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे स्वागत सहित अन्य कार्यक्रमों में समन्वय बनाकर काम पूर्ण कराएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के अंतर्गत चल रहे दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण कार्य का जायजा लिया और इसे तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से इस काम में हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया। इस दौरान कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्माकुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी हरिशंकर मिश्र, प्रो. जितेन्द्र कुमार, प्रो. महेन्द्र पांडेय, विनयाधिकारी प्रो. दिनेश कुमार गर्ग आदि मौजूद थे।
