किसानों और केंद्र के बीच में चंडीगढ़ में हुई छठी बैठक भी बेनतीजा रही। मीटिंग के बाद किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि मीटिंग पॉजिटिव रही। 22 फरवरी को अगली बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा दो और मंत्री शामिल होंगे।

13 फरवरी 2024 से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों काके लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच आज संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) गैर राजनीतिक की केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चंडीगढ़ में हुई छठी बैठक भी बेनतीजा रही। मीटिंग में 28 किसान नेता शामिल हुए। साढ़े 3 घंटे चली मीटिंग में कोई हल नहीं निकला। हालांकि मीटिंग के बाद डल्लेवाल ने कहा कि मीटिंग पॉजिटिव रही। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी की अगली बैठक में शि‍वराज स‍िंंह चौहान के अलावा दो और मंत्री शामिल होंगे। बैठक की जगह जल्‍द बातचीत के बाद सरकार तय करेगी। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि आज सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है। हमने शांतिपूर्ण तरीके से किसानों की मांगों की सुना है। 22 फरवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में अगली मीटिंग होगी। सूत्रों का कहना है कि बैठक में गृह मंत्री अमित शाह शामिल हो सकते हैं और बैठक की जगह दिल्‍ली या चंडीगढ़ हो सकती है।

81 दिन से खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे डल्लेवाल एम्बुलेंस में चंडीगढ़ पहुंचे थे। उन्हें स्ट्रैचर से कॉन्फ्रेंस हॉल में ले जाया गया। केंद्र की तरफ से केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पंजाब सरकार की तरफ से कृषि मंत्री गुरमीत खुड्डियां और मंत्री लाल चंद कटारूचक्क शामिल रहे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताई। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने इस मीटिंग से पहले चेतावनी दी ​थी कि अगर केंद्र सरकार के साथ 14 फरवरी की बैठक विफल रही तो किसान अपना आंदोलन तेज करने के लिए 25 फरवरी को पैदल दिल्ली कूच करेंगे।

एक साल बाद हुई थी बैठक

यह बैठक एक साल बाद हुई थी। पिछले साल संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और केंद्रीय मंत्रियों के बीच छह दौर की बातचीत हुई थी, जिसमें बात नहीं बनी थी। हरियाणा की भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) और भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) इस वार्ता से दूरे। दोनों संगठनों के अध्यक्षों का कहना है कि उनका खनौरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा समर्थन हैं, लेकिन वे प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं। डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान हालत गंभीर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया था। 2 सितंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को खोलने की याचिका पर एक कमेटी बनाई थी।

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