प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान पर आधी रात मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार और मेला प्रशासन का लगातार बचाव कर रहे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि महाकुंभ मेला को सनातन और हिन्दू विरोधियों की नजर लग गई। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बुधवार को योगी से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि महाकुंभ का प्रबंधन सेना को सौंप देना चाहिए। अखिलेश ने भगदड़ के बाद प्रयागराज की सीमा पर वाहनों को रोकने से हर तरफ जाम और उसमें अटके लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था का भी सवाल उठाया था।

महंत रवींद्र पुरी ने गुरुवार को दोहराया कहा कि मेला प्रशासन ने अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभाई है। जो हो चुका, वो हो गया। अब आगे आने वाले स्नान पर ध्यान केंद्रित करना है। वसंत पंचमी का स्नान दिव्य हो, भव्य हो, अब ये प्रयास किए जा रहे हैं। अखिलेश के आरोप कि जो प्रचार हुआ, वैसी व्यवस्था नहीं है, इस पर महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि इस समय किसी पर आरोप लगाना उचित नहीं हैं। हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि महाकुंभ अच्छा हो।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने आगे कहा- “जो आरोप लगा रहे हैं, मेरा ये मानना है कि जितना विरोधी पक्ष है, जो सनातन विरोधी है, इन्हीं के कारण, इनकी नजर इस मेले पर लग गई। मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है, जो हिन्दू विरोधी है, उनकी नजर हमारे महाकुंभ पर लग गई, इसलिए ऐसी दुर्घटना घटी।”

महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को भगदड़ के पीछे विपक्षी दलों की साजिश का आरोप लगाया था और इसकी जांच की मांग की थी। उस आरोप पर गुरुवार को उन्होंने कहा- “आपने देखा होगा। कहीं भी जब महाकुंभ होता है। आपने ऐसे भी देखा होगा कि उस समय कई लोग बीच में अनजान बनकर ऐसा कुछ पत्थर मारेंगे कि पूरी भीड़ तितर-बितर हो जाए, धक्का-मुक्की हो जाए। इसलिए ये भी जांच का विषय है। हो सकता है कि किसी की साजिश हो। जो कमिटी का गठन हुआ है, वो बहुत अच्छा हुआ है।”

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *