वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है कि सहारनपुर के मोहंड रेंज में गुलदारों का कुनबा बढ़ गया है। इन्हें इन दिनों मस्ती करते आसानी से देखा जा सकता है। करतब दिखाकर ये पर्यटकों को लुभा रहे हैं। वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर और सड़क संपर्क बेहतर होने से पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। हाल के दिनों में पर्यटकों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। अफसर भी गदगद हैं। खास बात ये है कि दिल्ली से लेकर वेस्ट यूपी तक में पकड़े गए गुलदारों को सहारनपुर के मोहंड में ही छोड़ा जाता है।
पिछले कुछ दिनों से राजाजी राष्ट्रीय पार्क और उससे सटे मोहंड वन क्षेत्र में सर्दी की धूप में आराम करते तेंदुए और उनके छोटे बच्चों के दिखने से पर्यटकों की आमद में तेजी है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर) के यह क्षेत्र नजदीक है, इसलिए यहां तेंदुओं को देखने के लिए पर्यटकों का आसानी से पहुंचना संभव है। मोहंड में गुलदार की चहलकदमी बढ़ने से काबिनी नेशनल पार्क का अक्स दिख रहा है। काबिनी नेशनल पार्क जंगली जानवरों के आसानी से दिखने के लिए विख्यात है। गुलदारों ने मोहंड को अपना नया ठिकाना बनाया है।
वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर से 50 प्रतिशत तक बढ़ गए पर्यटक
वन अधिकारियों के अनुसार मोहंड में पर्यटकों की संख्या में 50 प्रतिशत इजाफा हुआ है। मोहंड के आसपास पर्यटकों के लिए बढ़ती सुविधाओं के कारण पर्यटकों का भी रुझान बढ़ा है। गुलदारों की बढ़ती संख्या के कारण पर्यटकों को लैपर्ड साइटिंग आसानी से हो रही है। चिल्लावली वन रेंज अधिकारी शीतल वैद्य कहती हैं कि यह नया टूरिस्ट जोन धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है। मोहंड रेंज अधिकारी लव सिंह कहते हैं कि अनुकूल वातावरण मिलने से गुलदार बढ़े हैं।
बिजनौर के अमानगढ़ वन रेंज में भी गुलदार बढ़े
बिजनौर के अमानगढ़ वन रेंज छोड़कर खेतों में आए गुलदारों के कुनबे में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। गुलदारों का कुनबा बढ़कर 250 से अधिक हो गया है। वन विभाग के अफसर भी गुलदारों की संख्या बढ़ने पर हैरत में हैं। हर तीन से चार गांवों के क्षेत्र पर एक गुलदार का कब्जा है। खेतों में गुलदार दिखना आम बात है।