पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आईबी अधिकारी मनीष रंजन मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के गांव अरुही के रहने वाले थे। पिता डॉ. मंगलेश कुमार मिश्र पुरुलिया के झालदा में शिक्षक पद से अवकाश ग्रहण करने के वहीं परिवार संग रहते हैं। तीन भाइयों में सबसे बड़े मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी में सेक्शन अधिकारी थे। वह हैदराबाद से तीन दिन पहले छुट्टी मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे।
पहलगाम में आतंकियों की बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने हिंसा का नंगा नाच खेला। परिवार के साथ खुशियां मनाने पहुंचे पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की। महिलाओं और बच्चों से ज्यादा परिवार के पुरुष सदस्यों को निशाना बनाया।
कानपुर के शुभम द्विवेदी और करनाल के नेवी अधिकारी विनय नरवाल की तरह रायपुर के दिनेश मिरानिया से भी दहशतगर्दों ने धर्म पूछा और हिंदू सुनते ही उन्हें गोली मार दी। रायपुर के समता कॉलोनी निवासी दिनेश मिरानिया की हत्या से उनका पूरा परिवार स्तब्ध है।
हिंदू कहने पर मार दी गोली
चचेरे भाई मनीष सिंघानिया ने बताया कि दिनेश शादी की सालगिरह पर कश्मीर गए थे। उनसे मंगलवार दोपहर फोन पर बात हुई थी, तब तक सब ठीक था। शाम को आतंकी हमले की सूचना मिली तो फोन करने पर संपर्क नहीं हो पा रहा था। बाद में उनके बच्चों ने फोन पर बताया कि आतंकियों ने दिनेश से उनका धर्म पूछा। हिंदू कहने पर गोली मार दी।
यपुर के मालवीय नगर के माडल टाउन निवासी और यूएई में चार्टर्ड एकाउंटेंट नीरज उधवानी पत्नी आयुषी के साथ शादी समारोह में शामिल होने शिमला आए थे। वहां से कश्मीर घूमने चले गए। दोनों की दो वर्ष पहले शादी हुई थी।
गुरुवार सुबह नीरज का अंतिम संस्कार होगा। मां ज्योति का रोते-रोते बुरा हाल है। राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल और राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी नीरज के स्वजन को सांत्वना देने पहुंचे।