विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने से दिल पर दबाव बढ़ जाता है। इस दौरान शरीर तापमान को नियंत्रित करने के लिए रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है। इस सिकुड़न के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। इससे कई बार हार्ट अटैक होने की आशंका बढ़ जाती है।

आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर आदिल आमीन को दो दिन पहले दिल के दौरे के लक्षण दिखे थे। गैस्टिक समस्या समझ उन्होंने मामूली दवाएं ले लीं। इसकी जांच नहीं करवाई। इस तरह की अनदेखी आदिल पर भारी पड़ गई और बुधवार रात ड्यूटी करते वक्त अचानक दिल का दौड़ा पड़ा।

बेहोशी की हालत में उनको कैथ लैब ले जाया गया, लेकिन तब-तक देर हो गई थी। इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी तरह यूपी के अलीगढ़ में आठ साल की एक बच्ची ने खेलते-खेलते दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत की वजह भी हार्ट अटैक ही बताई जा रही है। यह मामले अपवाद में नहीं हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं। इस दौरान डॉक्टरों ने दिल के मरीजों को विशेष सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही सामान्य लोगों को लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाने को कहा है। दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, जीटीबी, डीडीयू, जीबी पंत सहित अन्य अस्पताल में पिछले दो दिनों में 30 से अधिक मामले सामने आए। इनमें से कुछ मरीजों ने इलाज के दौरान दम भी तोड़ दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने से दिल पर दबाव बढ़ जाता है। इस दौरान शरीर तापमान को नियंत्रित करने के लिए रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है। इस सिकुड़न के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। इससे कई बार हार्ट अटैक होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त तनाव उत्पन्न होता है। उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक होने की आशंका ज्यादा रहती है।

सर्दियों में लोग अक्सर शारीरिक गतिविधियों से बचते हैं। ऐसा होने पर वजन बढ़ने, शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर अनियंत्रित होने का खतरा रहता है। साथ ही देखा गया है कि सर्दियों में लोग अधिक तैलीय, मसालेदार और कैलोरी युक्त भोजन खाना पसंद करते हैं। यह दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। यह सभी कारण दिल की समस्या को बढ़ा सकते हैं। खासकर दिल के रोगी में समस्या बढ़ जाती है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार का कहना है कि सर्दियों में विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान रोगी को नियमित दवा लेनी चाहिए। सामान्य लोगों को लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवानी चाहिए। लक्षण दिखने पर लापरवाही समस्या का कारण बन सकता है।

ठंड में हार्ट अटैक के लक्षण

  • छाती में दर्द
  • सांस का फूलना, घबराहट या सांस लेने में कठिनाई महसूस हो होना
  • पसीना आना
  • थकावट और कमजोरी
  • घबराहट और घबराहट का अहसास

इन बातों का रखें ध्यान
सर्दियों में दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए शरीर को गर्म रखना जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से हल्का व्यायाम करना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार लेना और रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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