हिंदू धर्म में दीपावली का अत्यधिक महत्व होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम वनवास पूरा करके और लंकापति रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे तो उनके आगमन की खुशी दिवाली के रूप में मनाई गई थी. इस अवसर पर पूरे अयोध्या नगर में घी के दीपक जलाए गए थे और रोशनी से पूरी राम नगरी जगमगा उठी थी. इसी दिन को हर साल दिवाली के रूप में मनाया जाता है जिसकी तैयारियां राम जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya) में धूमधाम से हो रही हैं. इस साल अयोध्या के राम मंदिर में पहली दीपावली मनाई जाएगी और इस मौके पर 28 लाख दीये जलाए जाएंगे.

अयोध्या में जलाए जाएंगे 28 लाख दीये 

योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में दीपोत्सव के आठवें संस्करण के लिए तैयारियों में लगी है. यह अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) की पहली दिवाली भी होने जा रही है. इस मौके पर इको फ्रेंडली दिवाली मनाने पर जोर दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार इस साल नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है जिसके लिए सरयु के तट पर 28 लाख दीये जलाए जाएंगे और ये इको फ्रेंडली दीये राम मंदिर को रोशन करेंगे.

अयोध्या में जो दीये जलाए जाने हैं उन्हें इस तरह तैयार किया गया है कि उनसे मंदिर प्रांगण में या मंदिर की दीवारों वगैरह पर किसी तरह का निशान नहीं पड़ेगा. साथ ही, ये दीये लंबे समय तक जलते रहेंगे और जल्दी नहीं बुझेंगे.

इस साल जिन दीयों का इस्तेमाल किया जाना है वो वैक्स से बनकर तैयार होंगे जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा. इसके अलावा, इन दीयों से मंदिर को भी किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचेगी. मंदिर ट्रस्ट ना सिर्फ दिवाली पर अयोध्या को भक्ति का केंद्र बनाना चाहता है बल्कि कोशिश है कि यह स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक अच्छा उदाहरण बने.

सरयु नदी के 55 घाटों पर दीप जलाए जाएंगे जिसके लिए 30,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स इस काम में लगे हैं. 80,000 दीयों से स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जा रहा है जो दीपोत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक होगा. इसके साथ ही, 30 अक्टूबर के दिन छोटी दिवाली पर अयोध्या में 28 लाख दीप जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा.

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