जौनपुर सर्दी के मौसम में मेथी पालक और सरसों जैसी हरी सब्जियां बाजारों में अधिक बिक रही है लेकिन इन्ही के परिवार के बथुए को ज्यादा नहीं खाया जाता। जबकि पालक सरसों और मेथी की तरह बथुआ भी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। ठंड में हरी सब्जियां खाना जरूरी भी होता है, ताकि आपका शरीर सर्दी, खांसी और फ्लू से बच सके। सर्दियों में हरी सब्जियों को डाइट शामिल करना इसलिए महत्वपूर्ण होता है।


मेथी, पालक, और सरसों इनमें पॉपुलर हैं, लेकिन बथुआ भी आपकी सेहत को बनाए रखने का काम करता है।बथुआ पोषण से भरपूर सब्जी होती है, जो ठंड के मौसम में मिलती है। इसे दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है। अमीनो एसिड्स से भरपूर रू बथुए की पत्तियों में अमीनो एसिड्स की उच्च मात्रा होती है, जो कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण होता है। फाइबर से भरपूररू बथुआ सर्दी के मौसम में आता है। यह फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप पाचन से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, तो इसे जरूर खाएं।
कैलोरी में कमरू सभी हरी सब्जियों की तरह, बथुए में भी कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसलिए अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं, तो डाइट में बथुआ जरूर शामिल करें। माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स से भरारू बथुआ कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन ए, सी और बी 6 से भरपूर होता है। यह सभी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स बथुए को पोषण से भरपूर और सर्दी के लिए जरूरी सब्जी बनाते हैं। बथुए का साग ठीक वैसे ही बनता है जैसे पालक या फिर सरसों का साग। आप इसे चावल या फिर रोटी के साथ खा सकते हैं। बथुए को उबाल कर और फिर मैश कर इसे रोटी के आटे में मिलाया जा सकता है। इससे बनाई गई रोटी बेहद पोष्टिक और स्वादिष्ट बनती है। बथुए का पराठा भी इसी तरह बनेगा, बस पराठा थोड़ा मोटा होता है और इसमें घी भी लगाया जाता है। बथुए का रायता भी काफी पसंद किया जाता है। इसके लिए बथुए की पत्तियों को उबाल कर पीस लें और फिर इसे ताजा दही में मिला दें। इसमें नमक, मिर्च और भुने जीरे का पाउडर डाल सकते हैं।

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