शशि थरूर ने कहा कि हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र को बर्बाद किया जा रहा है। यह सरकार इसमें कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। वहीं, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हो गई है। अब लोकतंत्र को पुनर्जीवित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश जाते हैं तो सीना ठोककर बोलते हैं कि ‘लोकतंत्र की जननी’ से आया हूं, अब क्या सीना ठोकेंगे PM साहब?

India Bloc Nationwide Protest Today Against Mp’s Suspension at Delhi Jantar Mantar News in Hindi

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से कुल 146 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने शुक्रवार को धरना दिया। जंतर-मंतर पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद हैं।

इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले संसद भवन में दो युवा कूदकर अंदर आ गए। उन्हें कूदते हुए हम सबने देखा। वे अंदर आए, उन्होंने थोड़ा धुआं फैलाया, भाजपा के सभी सांसद भाग गए। जो अपने आप को देश भक्त कहते हैं, उनकी हवा निकल गई। वे अंदर कैसे आए? संसद के अंदर वे गैस का सिलेंडर ले आए? उन्होंने ये विरोध क्यों किया? उसका कारण क्या था? बेरोजगारी! इस देश का युवा आज रोजगार नहीं पा सकता है।

राहुल ने कहा कि हम सब विपक्ष के नेता और विपक्ष के कार्यकर्ता एक साथ खड़े हैं। ये लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच की लड़ाई है। नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। जितनी आप नफरत फैलाओगे, उतना ‘INDIA’ गठबंधन मोहब्बत फैलाएगा।

हमारा लोकतंत्र खतरे में है: थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र के इतिहास में किसी भी देश में 146 सांसदों को कभी निलंबित नहीं किया गया है। लोगों को पता होना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। इसलिए हम ये विरोध कर रहे हैं लोगों को यह बताने के लिए कि जो कुछ भी हो रहा है वह देश के भविष्य के लिए गलत है। इसका एक ही समाधान है, लोगों को इस सरकार को बदलना चाहिए और INDIA अलायंस को सत्ता में लाना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, एनडी गुप्ता, संदीप पाठक, संत बलबीर सीसेवाल और संजीव अरोड़ा समेत आप सांसद भी आज इंडिया ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इससे पहले शशि थरूर ने कहा कि हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र को बर्बाद किया जा रहा है। यह सरकार इसमें कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। दरअसल, कांग्रेस नेता विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक निकाले गए मार्च का हिस्सा थे।

थरूर ने कहा कि हमारा संदेश बहुत सरल और स्पष्ट है। हम संसदीय लोकतंत्र में ऐसी स्थिति देख रहे हैं जिसमें सरकार अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रही है, जबकि उसकी जिम्मेदारी संसद चलाने की है। केंद्र ने संसदीय लोकतंत्र की परंपरा का सम्मान करने में कोई इच्छा नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि एक बड़ा मामला हुआ। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई गई। गृह मंत्री के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के बजाय अमित शाह न केवल सदन से अनुपस्थित रहे, बल्कि सदन की बजाय बाहर जाकर मीडिया में बयान दे रहे हैं।

शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों के 146 सांसदों को अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 विपक्षी सांसद शामिल थे। दरअसल, विपक्ष संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में चर्चा और गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा था। इससे पहले संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक की घटना सामने आई। दरअसल, शून्यकाल के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ा और नारेबाजी भी की थी।

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