उन्नाव में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां एक महिला ने अपने तीन बच्चों को जहर दे दिया। इसके बाद खुद भी जहर पी लिया। महिला की मौत हो गई। तीनों बच्चों का कानपुर हैलट में इलाज चल रहा है। परिजनों ने महिला को मानसिक बीमार बताया है। तहसीलदार और एसओ ने जांच की है।

 

उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के भदेवरा गांव में तीन बच्चों को मां ने पानी में कीटनाशक मिलाकर पिलाने के बाद खुद पी लिया। महिला की मौत हो गई, जबकि तीनों बच्चे कानपुर हैलट में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। भदेवरा गांव में गुरुवार सुबह करीब नौ बजे घटना हुई। इस दौरान घर में मां और बच्चे ही थे। बच्चों को उल्टी होने और रोना सुनकर पड़ोसी युवक मौके पर पहुंचा और मजदूरी करने गए महिला के पति को फोन कर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों को जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।

बीघापुर तहसील के बिहार थानाक्षेत्र में भदेउरा गांव निवासी जगमोहन कुरील खेती और मजदूरी करता है। पत्नी केतकी (33) दो साल से मानसिक बीमार चल रही थी। गुरुवार सुबह 7:30 बजे जगमोहन अपनी वृद्ध मां धुन्नन के साथ खेत गया था। घर में केतकी व बच्चों में बेटी महक (9), मानवी (3) और बेटा आर्यन (6) थे।करीब नौ बजे केतकी ने गेहूं में डालने वाला कीटनाशक (सल्फास) निकाला और उसे पानी में मिलाकर पहले महक, फिर मानवी और फिर आर्यन को पिलाया और फिर खुद भी पी लिया। कुछ ही देर में बच्चों की हालत बिगड़ गई। इस दौरान पड़ोसी नितिन पहुंचा और जगमोहन को सूचना दी।

घटना की सूचना पर तहसीलदार अरसला नाज और थानाध्यक्ष शिवप्रकाश पांडेय मौके पर पहुंचे और जांच की। जिला अस्पताल पहुंची बारासगवर थानाक्षेत्र के अल्लीपुरवा गांव निवासी मृतका केतकी की मां राजकुमारी पत्नी मनईया ने ससुरालीजनों पर कोई आरोप नहीं लगाया।बताया कि करीब दो साल पहले बेटी का गर्भपात हुआ था। तब से वह मानसिक बीमार रहती थी। उसका इलाज चल रहा था। तहसीलदार और थानाध्यक्ष के निरीक्षण में घर के अंदर जिस बखारी से गेहूं भी निकले मिले वहां कपड़ा भी पड़ा मिला। जिसमें कीटनाशक को बांधकर गेहूं में डाला गया था। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया है।
पति जगमोहन पहले दुबई में नौकरी करता था। दो साल पहले पत्नी की हालत बिगड़ने पर वह नौकरी छोड़कर लौट आया था। जगमोहन ने बताया कि उसके पास दस बिसुआ खेती है। वह पत्नी का इलाज कराने के साथ झाड़-फूंक भी करा रहा था। बताया कि तीनों बच्चे स्कूल जाते हैं। महक कक्षा तीन, आर्यन कक्षा दो और मानवी एलकेजी की छात्रा है। तीनों एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। गुरुवार को पत्नी ने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजा।
बारासगवर थानाक्षेत्र के लालमन खेड़ा गांव में 19 नवंबर को वीरेंद्र कुमार पासवान के बेटे मयंक (9), बेटी हिमांशी (8), हिमांक (6) और मांशी (4) के शव घर की कोठरी में मिले थे। शवों के ऊपर फर्राटा पंखा पड़ा था। इस पर सभी ने करंट से मौत की आशंका जताई थी। हालांकि परिजनों ने प्रेम प्रसंग में पिता वीरेंद्र द्वारा ही जहर देने की बात कही थी।बाद में पिता वीरेंद्र ने बच्चों को कीटनाशक देने गला दबाकर हत्या करने की बात कबूली थी। हालांकि फॉरेंसिक लैब से आई विसरा की जांच रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। पिता के कबूलनामे को पुलिस सभी बिंदुओं पर फिर से जांच कर रही है। इस वारदात के करीब माहभर बाद ही ऐसी घटना चर्चा का विषय बनी है।

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