वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य भले ही तय कर लिया गया है लेकिन उस विकसित भारत का स्वरूप क्या होगा उसके मानक क्या होंगे जैसे अनगिनत सवालों का जवाब अब देश के युवा खोजेंगे और सुझाव भी देंगे। वैसे भी दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश भारत है। फिलहाल सरकार ने इसे लेकर एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है।

वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य भले ही तय कर लिया गया है, लेकिन उस विकसित भारत का स्वरूप क्या होगा, उसके मानक क्या होंगे, जैसे अनगिनत सवालों का जवाब अब देश के युवा खोजेंगे और सुझाव भी देंगे। वैसे भी दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश भारत है।

फिलहाल, सरकार ने इसे लेकर एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है। इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में देश को विकसित बनाने के लिए छात्रों के बीच एक परिचर्चा आयोजित की जाएगी। इस बीच, छात्रों की ओर से मिलने वाले सुझावों को संकलित किया जाएगा और सरकार के साथ साझा भी किया जाएगा।

यूजीसी ने विश्वविद्यालय के प्रमुखों को पत्र लिखा

शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें संस्थानों से छात्रों के बीच इस पर चर्चा कराने के सुझाव दिए गए हैं। खास बात यह है कि छात्रों के बीच इस चर्चा के लिए जो प्रमुख बिंदु तय किए गए हैं, उनमें भारतीयों को सशक्त बनाना, टिकाऊ अर्थव्यवस्था, इनोवेशन, साइंस एंड टेक्नोलाजी, बेहतर प्रशासन व सुरक्षा जैसी पांच थीमों को शामिल किया गया है।

भारत की लगाई छलांग का जिक्र किया गया

यूजीसी ने छात्रों के साथ ही देश की ओर से पिछले सालों में अलग-अलग क्षेत्रों में लगाई छलांग का जिक्र भी किया है। इसमें देश की अर्थव्यवस्था के दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग, कोविड संकट से निपटने की मुहिम और कम समय में कोविड वैक्सीन का निर्माण, जन-धन खाते के जरिये लोगों के जीवन में आए बदलाव, डिजिटल लेन-देन और खेल के क्षेत्र में देश की प्रगति को सामने रखा है।

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