बंगलुरु, 1 जून . कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को अपने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से मुफ्त देने के चक्कर में पहले लागू की गई योजनाओं में कटौती नहीं करने का आग्रह किया है.
सिद्दारमैया सरकार शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में विधानसभा चुनाव में वादा किए गए पांच गारंटियों पर चर्चा करेगी.
बोम्मई ने कहा, राज्य के विकास को देखते हुए सभी विभागों की सभी विकास परियोजनाओं को जारी रखना एक जिम्मेदार सरकार का कर्तव्य है. सरकार को व्यय के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और इस संबंध में एक सार्वजनिक बयान देना चाहिए.
बोम्मई ने सिद्दारमैया को लिखे पत्र में कहा, गारंटी योजनाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी, इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं होना चाहिए. लोगों पर अप्रत्यक्ष रूप से बोझ नहीं डाला जाना चाहिए. मुझे विश्वास है कि आप (सिद्दारमैया) इस दिशा में कदम उठाएंगे.
उन्होंने कहा, पिछले दो हफ्तों से आप अपनी पार्टी द्वारा गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन की दिशा में कई बैठकें कर रहे हैं. मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला विकास और बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. सरकार को किसानों, दलितों, गरीबों और पिछड़े वर्गों के हितों की भी रक्षा करनी चाहिए.
किसानों को 5 लाख रुपये तक की अल्पकालिक ऋण सुविधा में कटौती करना संभव नहीं है, 2023-24 के बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत रिवॉल्विंग फंड को बढ़ाकर 3,500 करोड़ रुपये करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसे कम नहीं किया जाना चाहिए. विवेका योजना के तहत 7,601 कक्षाओं के निर्माण और विभिन्न योजनाओं के तहत 9,556 स्कूल भवनों के निर्माण के लिए धन वापस नहीं लिया जाना चाहिए.
कांग्रेस ने अन्न भाग्य योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारकों के परिवार के प्रत्येक सदस्य को मुफ्त 10 किलो चावल; गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये; युवा निधि योजना के तहत दो साल के लिए बेरोजगार स्नातकों के लिए 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये भत्ता; राज्य के स्वामित्व वाली बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, और गृह ज्योति योजना के तहत घरों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है.