संभल हिंसा की नौ माह तक चली जांच पूरी कर तीन सदस्यीय आयोग ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पेज की रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि सांसद जियाउर रहमान के बयान के बाद ही संभल में हिंसा भड़की। साथ ही नमाजियों को भड़काने के लिए बाहरी लोगों को बुलाना और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल इसी साजिश का हिस्सा बताया गया है। रिपोर्ट में सिर्फ उस दिन की घटना ही नहीं, बल्कि पिछले 78 वर्षों में संभल में हुए दंगों, पलायन और जनसंख्या परिवर्तन का भी पूरा ब्योरा आयोग ने दर्ज किया है। चार बार संभल पहुंचकर सैकड़ों लोगों के बयान दर्ज करने के बाद आयोग ने अपनी यह रिपोर्ट तैयार की।

वहीं, आज जुमे की नमाज को लेकर संभल में हाई अलर्ट है। रिपोर्ट में हो रहे खुलासों के बाद से पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। किसी भी तरह के अराजकत्तवों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नमाज से पहले पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने रिपोर्ट में बताया है कि आज़ादी के समय (1947) संभल में 45 प्रतिशत हिंदू आबादी थी, जो अब घटकर सिर्फ 15 प्रतिशत रह गई है। बार-बार के दंगे, जबरन धर्मांतरण और संपत्तियों पर कब्जों की वजह से हिंदू परिवार लगातार पलायन करते रहे।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अब तक 15 बड़े दंगे संभल में हो चुके हैं। 1978 के दंगों के बाद से हालात और बिगड़े। गवाहों ने आयोग को बताया कि पहले जिस स्थान पर शिव मंदिर और हरिहर मंदिर हुआ करता था, वहां अब मस्जिद मौजूद है। इसी तरह हिंदू कुएं और धार्मिक स्थलों को भी बदल दिया गया। 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर चल रहे सर्वे की जानकारी लीक होने से भीड़ जुटी और हिंसा भड़क गई। इसमें चार लोगों की मौत और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को मौके से विदेशी कारतूस भी बरामद हुए।

आयोग की रिपोर्ट में लिखा है कि सांसद जियाउर्रहमान के बयान के बाद ही संभल में हिंसा भड़की। 22 नवम्बर 2024 को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मस्जिद से भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कहा कि हम इस देश के मालिक हैं, नौकर और गुलाम नहीं। इस बयान से संभल का माहौल बिगड़ गया। कुछ लोगों ने सांसद के बयान का विरोध किया तो मुस्लिमों के ही दो पक्ष आमने-सामने आ गए। कुछ समय में ही इस विरोध ने हिंसा का रूप ले लिया था। दोनों पक्षों की ओर से फायरिंग भी की गई थी। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।

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