राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। इस यात्रा के 11वें दिन तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और डीएमके की बड़ी नेता कनिमोझी भी दरभंगा से मुजफ्फरपुर तक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ नजर आए। इससे पहले तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी भी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हो चुके हैं।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और उनकी पार्टी पर जहां हिंदी विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं तो वहीं रेवंत रेड्डी पर भी बिहार की जनता के अपमान का आरोप लग चुका है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी एक रैली में इसे लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला था।
ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे कांग्रेस और राजद गठबंधन स्टालिन और रेवंंत रेड्डी जैसे नेताओं को ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल कर किस रणनीति पर काम कर रहे हैं? सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या बिहार में इंडिया गठबंधन की यह रणनीति उन्हें फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकती है?
