पुराने जमाने के कई एक्टर्स ऐसे हैं जो बाद में गुमनामी की गलियों में खो गए। ऐसी ही कहानी दिलीप कुमार के साथ ‘देवदास’ फिल्म में पारो का किरदार निभा चुकी एक्ट्रेस के साथ भी हुआ। हालात कुछ ऐसे बने कि उन्होंने कोलकाता शहर में एकांत जीवन जीने का फैसला लिया। वो 36 सालों तक फिल्मी दुनिया से गायब हो गईं और 2017 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। आज इस खबर में हम आपको उस अभिनेत्री की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने दौलत, शोहरत और नाम छोड़ अलेका जीवन चुना।

हम बात कर रहे हैं सुचित्रा सेन की, जिन्होंने उनके गोल्डन डेज में ‘देवदास’ की पारो के रूप में जाना जाता था। वो गुलज़ार की फिल्म ‘आंधी’ की नायिका भी थीं। उनकी तुलना पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से की जाती थी और उत्तम कुमार के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन दोस्ती की तुलना राज कपूर और नरगिस के बीच की केमिस्ट्री से की जाती थी। सुचिता ने ज्यादातर बंगाली फिल्मों में काम किया, लेकिन जब वे हिंदी फिल्मों में आईं तो उन्हें लोकप्रियता मिली, लेकिन वो कुछ ही फिल्मों में नजर आईं। लेकिन, 1978 में अपनी आखिरी रिलीज, प्रणय पाशा के बाद, सुचित्रा ने चकाचौंध भरी दुनिया से संन्यास ले लिया। लोगों को इस बात पर काफी हैरानी हुई, वहीं कुछ का कहना था कि शायद सुचित्रा नहीं चाहती थीं कि कोई उन्हें बूढ़ा होते देखे।

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