उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अंबेडकरनगर में अकबरपुर बस स्टैंड का नाम बदलकर ‘श्रवण धाम बस स्टैंड’ करने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि यह कदम रामायण के श्रवण कुमार की सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत को श्रद्धांजलि है। आदित्यनाथ ने जिले के अपने दौरे के दौरान यह घोषणा की, जहां उन्होंने 1,184 करोड़ रुपये की 194 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में 102 परियोजनाओं का उद्घाटन और 92 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि टांडा बस स्टैंड को अब स्वर्गीय जयराम वर्मा के सम्मान में ‘जयराम वर्मा बस स्टैंड’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने श्रवण धाम को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इसकी प्राचीन विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिव बाबा धाम में पर्यटन को बढ़ावा देने पर राज्य के फोकस को भी दोहराया, जहां उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रम से पहले लोगों की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि शिव बाबा धाम में कई विकास कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष काम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 11 हजार से ज्यादा किसान परिवारों को 561 करोड़

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत पूरे राज्य में 11,690 किसान परिवारों को 561.86 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं, जिसमें अकेले अंबेडकर नगर के 431 परिवार शामिल हैं। इस योजना का लाभ किसानों, बटाईदारों, खेतिहर मजदूरों और उनके परिवारों को मिलता है। उन्होंने कहा कि इस पहल के लिए 2020-21 वित्तीय वर्ष से 2025-26 तक 500 करोड़ रुपये से लेकर 1,050 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता आवंटित की गई है।

194 परियोजनाओं में विभिन्न विभागों की परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें लोक निर्माण विभाग की 14 परियोजनाएं, जल जीवन मिशन के अंतर्गत 72, विद्युत विभाग की 4, कानून व्यवस्था/सुरक्षा से संबंधित 6 और नलकूप की 13 परियोजनाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने ‘बीमारू’ राज्य का अपना पुराना टैग हटा दिया है और भारत की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। उन्होंने अंबेडकर नगर में हो रहे परिवर्तनकारी विकास पर प्रकाश डाला जैसे कि मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक और पर्यटन बुनियादी ढांचे का निर्माण जो जिले की पहचान को फिर से परिभाषित करने में मदद कर रहा है।
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