What Is FATF: पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर साबित हो चुका है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उनकी मदद करता है और भारत के खिलाफ साजिशें भी रचता है। इसी वजह से भारत ने एक बार फिर पाकस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की बात की है। FATF का मतलब होता है- Financial Action Task Force। यह पूरी दुनिया के लिए एक वॉचडॉग की तरह काम करता है और इसकी जिम्मेदारी है कि आतंकवाद के नेटवर्क को कमजोर किया जाए, उसकी फंडिंग को रोका जाए।
FATF होता क्या है?
एफ़एटीएफ़ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसकी स्थापना G7 देशों की पहल पर 1989 में की गई थी। साल 2001 में इसने अपनी नीतियों में आतंकवाद के वित्तपोषण को भी शामिल किया था। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को सही रखने के लिए नीतियां बनाता है और उसे लागू करवाने की दिशा में काम करता है। इसके कुल 39 सदस्य देश हैं। जिनमें भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन भी शामिल है। FATF उन देशों को “ग्रे लिस्ट” में रखता है जो FATF के आकलन में अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने में विफल रहे हैं।
ब्लैक लिस्ट में कौन होता है?
वहीं बात अगर ब्लैक लिस्ट की करें तो इसमें उन देशों को रखा जाता है जो बिल्कुल भी FATF के नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ भी पर्याप्त सबूत रहते हैं कि ये देश मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में लगे हैं।
पाकिस्तान की कैसे बढ़ेगी मुश्किल?
ब्लैक लिस्ट में वे देश शामिल होते हैं, जो FATF के नियमों का पालन नहीं करते और मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में लगे रहते हैं। इन देशों पर कई प्रतिबंध होते हैं, विदेशी निवेश भी यहां नहीं आ पाता है। पाकिस्तना तो 2022 तक ग्रे लिस्ट में रह चुका है, बाद में उसे वहां से हटा दिया गया था। अब भारत फिर चाहता है कि उसे ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाए। बकायदा एक डॉजियर भारत सरकार की तरफ से दिया जाएगा, सारे सबूत दिए जाएंगे जिससे साफ हो जाए कि पाकिस्तान अभी भी आंतकवाद का पोषण कर रहा है।