प्रयागराज (विनोद द्विवेदी-जिला संवाददाता)महाकुंभ में आयोजित चतुर्थ सनातन धर्म संसद का शुभारंभ अत्यंत गरिमामय और आध्यात्मिक वातावरण में हुआ। इस पावन अवसर पर आनंद विभूषित जगतगुरु परम पूज्य श्री निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज एवं आनंद विभूषित जगतगुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज ने पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के साथ मिलकर दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभांरभ किया ।

इस शुभ अवसर पर पूज्य जगतगुरू श्री राघवाचार्य जी महाराज, पूज्य जगद्गुरु विद्या भास्कर जी महाराज, जगद्गुरु बल्लभ दास जी महाराज, पूज्य साध्वी सरस्वती जी , परम पूज्य जगद्गुरु श्री निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज, पूज्य जगद्गुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज, पूज्य जगद्गुरु श्री वल्लभाचार्य जी महाराज, साध्वी प्राची देवी जी, महामंडलेश्वर अरुण चैतन्यपुरी जी महाराज, पूज्य महंत श्री राजू दास जी महाराज, पूज्य मेवाड़ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज , पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति जी महाराज, पूज्य श्री विकास जी महाराज (वृंदावन), स्वामी श्री रामदास जी महाराज (वलसाड), सिख संत बाबा हरजीत सिंह जी (अयोध्या), पूज्य श्री अर्पित दास जी महाराज, पूज्य जैन आचार्य जितेंद्र जैन मुनि जी, पूज्य जगद्गुरु सूर्याचार्य कृष्णदेवानंद गिरि जी महाराज, पूज्य स्वामी कृष्णदेवानंद जी महाराज, स्वामी बलरामाचार्य जी महाराज (अक्षरधाम वृंदावन), पूज्य महामंडलेश्वमर संतोष दास जी महाराज सतुआ बाबा जी, पूज्य बाल योगी जी महाराज, युवाचार्य अभय दास जी महाराज, साध्वी डॉक्टर प्राची दीदी जी, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास जी महाराज, पीठाधीश्वर अनल किशोर दास जी महाराज, स्वामी सत्य प्रकाशानंद सरस्वती जी महाराज, स्वामी सुरेशानंद दास जी महाराज (बद्रीनाथ धाम), जी ने देवरिया पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी राजनारायणाचार्य जी महाराज, मथुरा से भाजपा सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी, भाजपा विधायक टी राजा जी ने अपनी गरिमामय उपस्तिथि दर्ज कराई । पूज्य महाराज श्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी संत- महात्माओं, जगतगुरु, महामंडलेश्वरों, का शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।

चतुर्थ सनातन धर्म संसद में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं: मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर, वैदिक प्रबंधन के अनुसार पूजा और प्रसाद की व्यवस्था, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना, गुरुकुल, गौशाला और औषधालय की स्थापना करना।असहाय परिवारों के धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्थिक की जाए। सहायता चतुर्थ सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड का प्रारूप प्रस्तुत किया गया, जिसे सभी पूज्य धर्माचार्यों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की।पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने सनातन धर्म संसद को संबोधित करते हुए कहा कि यह सनातन धर्म संसद धर्म की रक्षा और पुनर्स्थापना के उद्देश्य से आयोजित की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने के लिए विभिन्न षड्यंत्र किए गए, जिनमें से सबसे बड़ा षड्यंत्र लॉर्ड मैकाले का था। उन्होंने हमारे गुरुकुल प्रणाली को समाप्त कर संस्कृत भाषा को हटाकर अंग्रेजी भाषा थोप दी, जिससे हमारी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली को गहरी चोट पहुंची। भारत के सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए। मंदिरों के धन का उपयोग गुरुकुलों के निर्माण के लिए किया जाएगा, जहां गीता, रामायण और महाभारत जैसे धर्मग्रंथों की शिक्षा दी जाएगी। इन आधुनिक गुरुकुलों में धर्म के साथ-साथ कंप्यूटर और आधुनिक विषयों की शिक्षा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, मंदिरों की संपत्ति का उपयोग औषधालयों के निर्माण में किया जाएगा ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज सनातन धर्म संसद कार्यक्रम के दौरान भावुक हो गए। महाराज श्री ने परम पूज्य जगद्गुरु को पत्र सौंपते हुए कहा कि वे न पद चाहत हैं, न प्रतिष्ठा चाहते हैं, वे तो बस सुरक्षित हिंदुस्तान चाहते हैं।

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