मनोज कुमार सिंह ने रविवार को दुर्गा शंकर मिश्रा की जगह यूपी के नए मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहण कर लिया। कार्य भार ग्रहण करने से कुछ घंटे पहले ही मनोज कुमार के नाम का ऐलान किया गया था। टीएम योगी का अहम चेहरा मनोज कुमार सिंह की गिनती ‘परफॉर्मर’ के रूप में होती है। सीएम योगी के मंत्री ‘डिलीवरी ऑन टाइम’ के मंत्र को मनोज कुमार ने एक तरह से आत्मसात किया है। मनोज कुमार ‘कुंभ से लेकर कोविड’ और ‘एग्रीकल्चर से लेकर इंडस्ट्री’ तक योगी के विजन को साकार किया है। 2019 कुंभ में नोडल अधिकारी बनाए गए थे।
वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसे नीतिगत विषयों से जुड़े दो अति महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निर्वहन कर रहे मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, खाद्य प्रसंस्करण, यूपीडा और उपशा के चेयरमैन तथा पिकप अध्यक्ष जैसे प्रदेश के विकास को गति देने वाले अति वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। कोविड काल में पहले टीम 11 और फिर टीम 9 में शामिल मनोज कुमार सिंह ने गांवों में कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले ब्यूरोक्रेसी में कुछ ऐसे अधिकारियों को चिन्हित किया, जिनमें अनुभव और दक्षता तो हो ही। सत्यनिष्ठा के साथ-साथ कार्य करने के प्रति जीवटता और जुझारूपन भी हो। ऐसे अफसरों की एक टीम बनाई। कड़ी परीक्षा के बाद बनी इसी ‘टीम योगी’ के अहम सदस्य मनोज कुमार सिंह भी हैं।
1988 बैच के IAS अधिकारी मनोज कुमार सिंह की पहचान ‘परफॉर्मर’ की रही है। सीनियर मोस्ट अधिकारी के रूप में अनुभव, दक्षता, कर्तव्यपरायणता, डिलिवरी देने की क्षमता, कॉम्पिटेंसी के साथ मनोज कुमार सिंह ने ब्यूरोक्रेसी में प्रतिष्ठित नाम कमाया है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक के कार्यकाल में मनोज कुमार सिंह पर लगातार भरोसा जताया है।
बीसी सखी को किया साकार
बैंकिंग एट योर डोर की परिकल्पना को साकार करने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘बीसी सखी’ योजना आज पूरे देश में मॉडल के रूप में स्वीकारी जा रही है। इसकी रूपरेखा तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक मनोज कुमार सिंह का बड़ा योगदान है। यह एक योजना महिला स्वावलम्बन और वित्तीय समावेशन का अद्भुत उदाहरण बन कर राष्ट्रीय पटल पर प्रशंसा पा रही है। a