उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे गौतमबुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए समिति गठित करने का आदेश दिया है।
किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान आंदोलन कर रहे हैं। बीते कई दिनों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी किसान प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी जा रही है। हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का जमा होना जारी है। बीते दिन खनौरी बॉर्डर पर 21 साल के युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई। वहीं, किसान संगठनों ने दो दिन के लिए दिल्ली कूच टालने का ऐलान किया है। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए बुधवार को एक समिति गठित करने का आदेश दिया। अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए स्थानीय किसान समूहों की ओर से पैदल दिल्ली कूच करने की धमकी दिए जाने के बाद देर रात यह घोषणा की गई। इससे पहले 8 फरवरी को दिल्ली कूच की नाकाम कोशिश की गई थी। किसान समूह स्थानीय प्रशासन और एनटीपीसी द्वारा अतीत में अधिगृहीत की गई जमीन के एवज में मुआवजे में बढ़ोतरी एवं विकसित भूखंड की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई वाली यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पच्चीस हजार तक किसानों को रोकने के लिए पुलिस और पैरामिल्ट्री फोर्स के पूरे इंतजाम किए गए हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर अभी किसानों की संख्या दस से बारह हजार के बीच है। ट्रैक्टर और दूसरे वाहन एक हजार से बारह सौ के बीच है। सूत्रों के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने किसानों को गोली मारने को छोड़कर बाकी सभी विकल्प दिए गए गए हैं। पुलिस की रणनीति ऐसी है कि किसान शंभू बॉर्डर पार नहीं कर पाएंगे। प्वॉइंट एक भी संभावना हुई तो दिल्ली पुलिस लगभग पचास हजार से लेकर एक लाख की संख्या तक किसानों से निपटने को पूरी तरह से तैयार है।