UP DGP Prashant Kumar : सीनियर आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। प्रशांत कुमार अभी डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर हैं। दरअसल, आज ही विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी पद से रिटायर हुए हैं। वर्ष 1988 बैच के आईपीएस विजय कुमार को 31 मई 2023 को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इससे पहले भी तीन बार सम्मानित किए जा चुके हैं। तेज तर्रार प्रशांत कुमार को यूपी सरकार के फरोसेमंदे अफसर माना जाता हैं।
प्रशांत कुमार 1990 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। प्रशांत कुमार के पिता का नाम ललन प्रसाद है। बिहार के सीवान जिले के रहने वाले प्रशांत कुमार के कार्यकाल में यूपी में कुख्यात अपराधियों और माफियाओं का खात्मा हुआ है। सूत्रों की मानें तो 300 ज्यादातर एनकाउंटर कर चुके हैं। उन्हें यूपी पुलिस में ‘सिंघम’ कहा जाता है। आईपीएस प्रशांत कुमार की पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान समय में डिंपल वर्मा यूपी रेरा में सदस्य के तौर पर कार्यरत हैं। पिछले साल दिसंबर माह में प्रशांत कुमार डीजी रैंक में प्रमोट हुए थे।
सीएम योगी से मिले प्रशांत कुमार
यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की। पांच कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास पर शिष्टाचार मुलाकात हुई। कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशांत कुमार को शुभकामनाएं और बधाई दी।
वीरता पदक प्राप्त कर चुके हैं प्रशांत कुमार
यूपी कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए आईपीएस प्रशांत कुमार को चार बार वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्राप्त हो चुका है जो उन्हें क्रमश: 2020, 2021, 2022 और अभी 2023 में दिया गया। डीजी प्रशांत कुमार को वर्ष 2017 में मेरठ में हुई एक साहसिक मुठभेड़ के मामले में वीरता पदक दिया गया है। प्रशांत कुमार की एडीजी जोन मेरठ के पद पर नियुक्ति के दौरान छह जुलाई 2017 को दिल्ली स्थित प्रीत विहार के मेट्रो हार्ट एवं कैंसर हास्पिटल के चिकित्सक डॉ. श्रीकांत गौड़ के अपहरण के बाद अपराधियों द्वारा पांच करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी। इस सूचना पर तत्कालीन एडीजी जोन प्रशांत कुमार व तत्कालीन एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी द्वारा दिल्ली पुलिस की टीम के साथ उच्च कोटि का समन्वय स्थापित किया गया। 19 जुलाई 2017 को जब मेरठ में कांवड़ मेला पूरे शबाब पर था, तब एक साहासिक मुठभेड़ के बाद डॉ. श्रीकांत गौड़ को सकुशल बरामद किया गया। साथ ही फिरौती मांगने वाले चार अपहरणकर्ताओं को मौके से गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से एक अवैध पिस्टल, एक पौनिया राइफल तथा प्रयुक्त व जीवित कारतूस बरामद हुए थे।