लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल कहना अतिशयोक्ति हो सकती है। हालांकि, इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चुनावों में भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। इसे मोदी मैजिक ही कहा जा रहा है कि बीजेपी ने कांग्रेस से 2 राज्य छीन लिए और सत्ता विरोधी लहर को मात देते हुए एक स्टेट बरकरार भी रखा। दरअसल, देश में चुनावी प्रक्रिया क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आधार पर थोड़ी जटिल है। मतदाता अक्सर विधानसभा और आम चुनावों में अलग-अलग व्यवहार दिखाते हैं। मिसाल के तौर पर बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे 81 सीटों पर जीत मिली। मगर, 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ तो राजद 40 में से केवल एक सीट ही बचा सकी।

भाजपा ने इस बार जिन 3 राज्यों में जीत दर्ज की है, वहां उसने किसी मुख्यमंत्री का चेहरा पेश नहीं किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे सीनियर नेताओं ने बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया। यह तर्क दिया जाता है कि जिन राज्यों में भगवा दल के पास मजबूत नेतृत्व नहीं है, वहां वो सीएम फेस को आगे नहीं करती। मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के पास क्रमशः शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे बड़े चेहरे थे। इसके अलावा, भाजपा ने उन राज्यों में कई केंद्रीय मंत्रियों को तैनात किया था। इनमें से किसी को भी सीएम का चेहरा बनाया जा सकता था, मगर ऐसा नहीं किया गया। बीजेपी ने ‘मोदी की गारंटी’ पर फोकस किया और इसे लेकर कैंपेन चलाया।

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