दो महीनों से ज्यादा समय से जल रही मणिपुर की आग अब तक शांत नहीं हुई है। इसी बीच जानकार अब चेतावनी दे रहे हैं कि अगर इस आग को बुझाने की कोशिश नहीं की गई, तो यह पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाएगी।
3 मई से ही मणिपुर में कुकू और मैतेई के बीच लगातार हिंसक संघर्ष जारी है। आंकड़े बता रहे हैं कि करीब 150 लोग जान गंवा चुके हैं।
मिजोरम में क्या हो रहा है?
खबरें हैं कि मिजोरम में बड़े स्तर पर मैतेई समुदाय के लोग पलायन करने लगे हैं। दरअसल, पूर्व उग्रवादियों की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सतर्क रहने की सलाह दी गई है। शनिवार से ही एक हजार से ज्यादा मैतेई मिजोरम से असम के बराक घाटी में पहुंच चुके हैं।
असम में भी एक्शन का रिएक्शन
कछार में असम सरकार की तरफ से राहत शिविर बनाए गए हैं। यहां जिला प्रशासन के अलावा स्थानीय लोग भी सुरक्षा मुहैया करहा रहे हैं। अब ऑल असम मणिपुरी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) की तरफ से भी सोमवार को एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बराक घाटी के जिलों में रह रहे मिजो को जगह छोड़ने की सलाह दी गई है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, AAMSU की तरफ से कहा गया, ‘मिजोरम में रहने वाली अधिकांश मैतेई असम के हैं। ऐसे में मिजोरम के व्यवहार ने असम के मैतेई समुदाय का गुस्सा भड़का दिया है। इसके चलते हम मिजो को उनकी खुद की सुरक्षा के लिहाज से जल्द से जल्द बराक घाटी को खाली करने की सलाह देते हैं।’
मणिपुर में महिला को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में एक और गिरफ्तार
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने के बाद पूरे देश में आक्रोश है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को थौबल जिले से सोमवार शाम गिरफ्तार किया गया।
इसी के साथ इस मामले में अब तक कुल सात आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो से उन 14 लोगों की पहचान की थी, जो चार मई को दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के कृत्य में शामिल थे।