वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। अब बुधवार को हाईकोर्ट मामले को सुनेगा।

इस दौरान हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि कल ही हाईकोर्ट अपना फैसला सुना देगा। सुप्रमीम कोर्ट ने कल शाम तक एएसआई सर्वे पर रोक लगाई है औऱ हाईकोर्ट को उससे पहले मामले पर कोई फैसला देने का आदेश दिया है। वहीं, ज्ञानवापी के जुड़े अन्य मामलों पर भी हाईकोर्ट ने सुनवाई की और फैसला सुरक्षित कर लिया। इन मामलोे पर 28 को फैसला सुनाया जाएगा।

इससे पहले 21 जुलाई को हिन्दू पक्ष की याचिका पर वाराणसी की जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे कराने और 4 अगस्त तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। सोमवार की सुबह ज्ञानवापी की सर्वे भी शुरू हो गया था। इसी बीच मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर एएसआई सर्वे पर दो दिनों की रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही मुस्लिम पक्ष सर्वे पर रोक लगवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा है। हिन्दू पक्ष पहले ही हाईकोर्ट में कैवियट दाखिल कर चुका है, ताकि मुस्लिम पक्ष को किसी तरह की राहत देने से पहले हाईकोर्ट उनका भी पक्ष जरूर सुने।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण पर 26 जुलाई की शाम पांच बजे तक रोक लगाते हुए कहा कि सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती देने के लिए कुछ समय दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ज्ञानवापी परिसर की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति (एआईएम) की मांग पर तत्काल सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने पीठ के सामने वाराणसी जिला अदालत के आदेश और एएसआई द्वारा परिसर में की जाने वाली खुदाई का जिक्र करते हुए मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने समिति को अंतरिम राहत देते हुए परिसर में विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने को कहा है। साथ ही, हाईकोर्ट को यह आदेश दिया है कि वह प्रबंधन समिति की अपील पर त्वरित सुनवाई करे और उसके (सुप्रीम कोर्ट) के आदेश समाप्त होने से पहले, समुचित आदेश पारित करे।

इससे पहले वाराणसी की जिला जज की अदालत ने वुजू स्थल को छोड़कर ज्ञानवापी के अन्य परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने एएसआई निदेशक को सर्वे का आदेश देते हुए 4 अगस्त तक रिपोर्ट भी मांगी है। अदालत ने कहा है कि बिना कोई क्षति पहुंचाए वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कराएं। वाराणसी की जिला अदालत ने हिन्दू पक्ष की दलीलों को मान मानते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया था।

गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी के पूजा का अधिकारी मांग रही चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक ने जिला जज की अदालत में अर्जी देकर एएसआई सर्वे की मांग की है। उनका कहना है कि यहां पहले मंदिर था। मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। ऐसे में सर्वे से ही सच्चाई पता चल सकेगी। विष्णु जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार के पास खंडहरनुमा अवशेष, तीन गुम्बदों और व्यास जी के तहखाने की जांच भारतीय पुरातत्विक सर्वेक्षण, जीपीआर, वैज्ञानिक व डेटिंग पद्धति से कराई जाए। इसी के बाद जिला जज ने सर्वे का आदेश दिया था।

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