इन दिनों आसमान में एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है। आसमान में किसी किनारे में एक आकाशीय पिंड चमकता हुआ नजर आता है। क्या वह कोई तारा है या कोई ग्रहा? तो बता दे कि आसमान में चमकता आकाशीय पिंड कोई तारा नहीं बल्कि हमारी धरती का करीबी ग्रह शुक्र है।

यह ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट है। लेकिन इन दिनों शुक्र की चमक सामान्य से अधिक है। आखिर क्या है इसका कारण?

शुक्र, पृथ्वी की तुलना में लगभग 110 मिलियन किलोमीटर की औसत दूरी पर एक कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करता है। वहीं पृथ्वी सूर्य से 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सूर्य से शुक्र के निकट होने की वजह इस ग्रह को एक अलग ही चमक नसीब होती है। शुक्र का पृथ्वी से चमकीला दिखाई देने का एक कारण ग्रह की कक्षा है। शुक्र अंडाकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करता है। जब ग्रह इसके माध्यम से सूर्य के बहुत करीब आ जाता है, तो यह पृथ्वी की सतह से सामान्य से अधिक चमकीला और साफ दिखाई देता है।

कब आएगा नजर

वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि शुक्र के चमकने का एक अन्य कारण है, इसकी अपनी धुरी पर स्थिति। शुक्र अपने अक्ष पर पृथ्वी से 3.4 डिग्री अधिक झुका हुआ है। नतीजतन, ग्रह सूरज की रोशनी में उज्ज्वल दिखता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि सूर्यास्त के बाद शाम 7.30 बजे से रात 9.45 बजे तक शुक्र आसमान में साफ दिखाई देगा।

कैसे मिलती है ऐसी चमक

जब शुक्र सूर्य की परिक्रमा करने के दौरान उसके ऊपर या नीचे से गुजरता है, तो सूर्य का प्रकाश उसके वातावरण को दर्शाता है और ग्रह को रोशन कर देता है। इस घटना को एशन लाइट के नाम से जाना जाता है। ऐसी स्थिति में शुक्र आकाश में काफी ज्यादा चमकीला नजर आता है।

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